ड्रैगन फ्रूट में मिला कोरोना वायरस, चीन में बंद किए गये सैकड़ों सुपरमार्केट, सख्त लॉकडाउन से हड़कंप

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बीजिंग
कोरोना वायरस को लेकर 'ज़ीरो कोविड नीति' पर काम करने वाले ड्रैगन को बहुत बड़ा झटका लगा है, जब वियतनाम से खरीदे गये ड्रैगन फ्रूट में कोरोना का वायरस मिलने के बाद चीनी अधिकारियों में खलबली मच गई है और चीनी अधिकारियों ने कई सुपरमार्केट को बंद कर दिया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि झेजियांग और जियांग्शी प्रांतों के कम से कम नौ शहरों में वियतनाम से आयातित ड्रैगन फ्रूट में कोरोनावायरस के नमूने पाए गए हैं।

आयातित फलों की आपातकालीन जांच
चीन से मिल रही रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी अधिकारियों ने आयातित खाद्य उत्पादों की आपातकालीनजांच शुरू कर दी है और फल खरीदारों को क्वारंटाइन होने के लिए कहा गया है। हालांकि अभी तकखाद्य उत्पादों में कोरोनावायरस फैलने का कोई सबूत नहीं है, लेकिन चीनी स्वास्थ्य अधिकारी कोईरिस्क लेना नहीं चाहते हैं और चीन में इन दिनों कोविड फैला हुआ है। हालांकि, चीन में मामले काफीकम आ रहे हैं, लेकिन कई चीनी शहरों में विश्व का सबसे ज्यादा सख्त लॉकडाउन लगा हुआ है।शीआन शहर में इतना ज्यादा सख्त लॉकडाउन है, कि किसी भी हालत में लोगों को घर से बाहरकदम रखने की इजाजत नहीं है और गलती से भी घर से बाहर निकलने वाले लोगों को जेल भेज दियाजाता है।

वियतनामी फलों पर था प्रतिबंध
चीन ने पहले वियतनाम से आयातित ड्रैगन फ्रूट पर 26 जनवरी तक प्रतिबंध लगाया था, क्योंकिदिसंबर के अंतिम हफ्तों में चीन के कई क्षेत्रों में कोविड-19 के मामले सामने आने लगे थे।चीन कोड्रैगन फ्रूट भेजने वाले लैंग सोन प्रांत के हु नघी बॉर्डर गेट पर प्रतिबंध लगाया गया था। अधिकारियों नेटैन थान नामक एक अन्य सीमा द्वार से ड्रैगन फ्रूट के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया था और कंटेनरट्रकों को वापस भेज दिया गया था। आपको बता दें कि, चीन में अगले महीने शीतकालीन ओलंपिकखेलों का आयोजन किया जा रहा है और चीनी अधिकारियों को सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है।इसके साथ ही चीन की 'जीरो कोविड पॉलिसी' है, जिसके तहत एक भी कोविड केस मिलने के बादपूरे शहर को कम से कम तीन हफ्तों तक कोविड लॉकडाउन से गुजरना पड़ता है।

चीनी शहरों में लॉकडाउन
कोविड-19 मामलों में उछाल के बीच शीआन शहर में काफी सख्त लॉकडाउन लगाया गया है औरतीन कोविड​​-19 मामले मिलने के बाद हेनान प्रांत के युझोउ शहर में लॉकडाउन लगा हुआ है। चीनीअधिकारियों ने लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने और किसी भी जगह पर भीड़ नहीं लगाने कीहिदायत दी है और युझोउ शहर में बस और टैक्सी सेवाओं को बंद कर दिया गया है। आपको बता देंकि,चीन ने मंगलवार को 175 सीओवीआईडी ​​-19 मामलों की सूचना दी थी, जिसमें हेनान प्रांत मेंपूर्वी शहर निंगबो में एक क्लस्टर सहित पांच मामले थे। आपो बता दें कि, दिसंबर महीने के बाग सेशीआन शहर में कोरोना वायरस के कम से कम 1600 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और ये शहरअभी भी लॉकडाउन से गुजर रहा है।

चीन 'जीरो कोविड' को कैसे बनाए रख रहा है?
कोविड-19 को लेकर चीन ने एक नियम बनाकर रखा हुआ है, जिसे 'डायनामिक ज़ीरो' कहा जाता है,जिसके तहत एक केस मिलने पर भी सख्ततम लॉकडाउन लगाने और एक एक व्यक्ति का कोरोनाटेस्ट करना शामिल है। जब तक शहर के आखिरी शख्स का भी कोविड टेस्ट ना हो जाए, तबतककोई भी घर से बाहर नहीं निकल सकता है। इस कानून के तहत चीन में लोगों को अपनी इमारतों कोछोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया जा सकता है या होटल के कमरों के अंदर रहने के लिए मजबूर किया जासकता है। शीआन शहर में उस वक्त से लॉकडाउन में है, जब वहां करीब 150 केस मिले थे, वहींझेंग्झौ के समान आकार के शहर ने सिर्फ 11 मामलों के बाद प्रत्येक निवासी का परीक्षण किया गया है।

क्या 'ज़ीरो कोविड नीति' प्रभावी है?
महामारी की शुरुआत के बाद से चीन की आधिकारिक कोरोना वायरस टैली एक लाख पर रूकी हुईहै, जबकि भारत समेत विश्व के कई देशों में हर दिन एक लाख से ज्यादा मामले रिकॉर्ड किए जाते हैं।चीन मेंआधिकारिक मौत का आंकड़ा 5 हजार से कम है और साल 2020 में जब विश्व के ज्यादातरदेश लॉकडाउन से गुजर रहे थे, चीन में सबकुछ सामान्य था और चीन अपनी कोविड डिप्लोमेसी चलारहा था। लेकिन, साल 2021 में हालात बदल गये और एक बार फिर से चीन में कोविड के मामलेमिलने लगे और हर समय देश के किसी ना किसी हिस्से में सख्त लॉकडाउन लगा रहता है। चीन केराष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अधिकारी लियांग वानियन ने पिछले महीने संवाददाताओं से कहा था कि,"अभी भी एकल स्थानीय मामलों के उभरने से रोकने की कोई क्षमता नहीं है, लेकिन हमारे पासस्थानीय मामला मिलने पर प्रकोप को जल्दी से खत्म करने की क्षमता और आत्मविश्वास है।"

चुकानी पड़ती है बड़ी कीमत
चीन की सरकार भले ही 'ज़ीरो कोविड नीति' पर चल रही है, लेकिन चीन की जनता को उसकी बहुतबड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। खासकर चीन ने सरहदी क्षेत्रों में लगातार लॉकडाउन लगा रखा है औरसरहदी इलाकों में हमेशा से पाबंदियां हैं और म्यांमार सीमा के पास हाल बुरा है। लॉकडाउन लगा तोदिया जाता है और लोगों के घर से निकलने पर पूर्ण पाबंदी रहती है, लेकिन उनतक प्रशासन खानापहुंचाने में नाकाम रहता है। प्रवासी श्रमिक महीनों तक अलग अलग क्षेत्रों में फंसे हुए रहते हैं औरउनमें कई बार गुस्सा फूट पड़ता है।

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