जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को कोर्ट ने भेजा 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

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हरिद्वार
जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को हरिद्वार पुलिस ने रुड़की से गिरफ्तार कर लिया है। ये गिरफ्तारी हरिद्वार में आयोजित 'धर्म संसद' में अभद्र भाषा (हेट स्पीच) मामले में की गई है। रिजवी के साथ-साथ उत्तराखंड पुलिस ने स्वामी यति नरसिंहानंद को भी हिरासत में लिया है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पुलिस ने रिजवी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।

हरिद्वार एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार ने बताया कि उत्तराखंड पुलिस ने वसीम रिजवी उर्फ ​​जितेंद्र त्यागी को हरिद्वार 'धर्म संसद' में हेट स्पीट मामले में नरसन बॉर्डर रुड़की से गिरफ्तार किया है। तो वहीं, हरिद्वार के एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि रिजवी के खिलाफ कुल तीन मामले दर्ज किए गए थे। हमने उन्हें सीआरपीसी की धारा 41 (ए) के तहत पेश होने के लिए नोटिस जारी किया था। फिलहाल पुलिस ने वसीम रिजवी को कोर्ट के सामने पेश किया गया है।

कोर्ट ने सुनवाई के बाद वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। इससे एक दिन पहले यानी 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले पर सुनवाई हुई थी, जिसमें अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। बता दें, पुलिस ने इस कार्रवाई को खरखरी स्थित वेद निकेतन में आयोजित हुई 17 से 19 दिसंबर तक धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के मामले में की है। हरिद्वार धर्म संसद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ ​​वसीम रिजवी समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

यूपी में पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया आज से शुरू, प्रशासन की पार्टियों को सख्त चेतावनी दरअसल, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद हरिद्वार कोतवाली के ज्वालापुर निवासी गुलबहार खान ने यूपी के शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ ​​वसीम रिजवी के खिलाफ केस दर्ज कराया है। वहीं बाद में मुकदमे में 4 संतों के नाम भी जोड़े गए थे। वायरल वीडियो में विशेष समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया गया था, जिसके बाद वसीम रिजवी के खिलाफ 23 दिसंबर को केस दर्ज कराया गया। इसके बाद संत धर्मदास, साध्वी अन्नपूर्णा भारती, स्वामी यति नरसिंहानंद और सागर सिंधु महाराज के नाम भी दर्ज किए थे। इस मामले में जांच के लिए एसआईटी भी गठित की गई है।
 

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