ओमीक्रॉन से इस तरह करे अपना बचाव

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हम सभी ने कोरोनावायरस की दूसरी लहर में मची तबाही को करीब से देखा है। न जाने कितने लोग संक्रमित हुए , कितनों ने दम तोड़ दिया जबकि लाखों लोगों को इस ट्रेजेडी का सामना करना पड़ा और इससे उबर भी गए। अब कोविड के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन ने दुनियाभर में लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। साउथ अफ्रीका से आया यह वैरिएंट अब तक अन्य देशों में फैल रहा था, लेकिन अब इसकी एंट्री भारत में भी हो चुकी है। कर्नाटक में ओमीक्रोन के दो मामले सामने आए हैं। जिससे देश में दहशत का मौहाल बन गया है। इसके बाद सरकार और लोगों ने इस नए वैरिएंट को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है।

ऐसे में हम सभी को एक बार फिर सर्तक और जिम्मेदार हो जाना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि दूसरी लहर में हुई गलतियों को न दोहराएं। WHO साउथ इस्ट एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ.पूनम खेत्रपाल सिंह कहती हैं कि लोगों को वायरस के और प्रसार को रोकने के अलावा कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि नया वैरिएंट पिछले वैरिएंट की तुलना में 500 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक हो सकता है। हालांकि, अब तक आए सामने आए मामले गंभीर नहीं है, लेकिन सावधानी जरूरी है।

​क्या ओमीक्रोन डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा गंभीर है

WHO ने कोविड वैरिएंट के 1159 को लेकर चिंता जताई है। इसमें कहा गया है कि अगर ओमीक्रॉन द्वारा संचालित कोविड-19 का एक और बड़ा झटका आया, तो गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। भारत की दूसरी लहर डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले नए वैरिएंट में स्पाइक प्रोटीन में ज्यादा म्यूटेंट होता है, जो इसे और ज्यादा संक्रामक बनाता है। लेकिन अब तक ओमीक्रोन से जुड़ा मौत का कोई भी मामला सामने नहीं आया है , तो इस बात को लेकर चर्चा चल रही है कि क्या यह नया वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ज्यादा गंभीर है।

विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना के सभी नए वैरिएंट के लिए टेस्ट प्रोसिजर पहले जैसे ही हैं। बीजीएस ग्लेनीगल्स ग्लोबल हॉस्पीटल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ.विश्वनाथ बेलाड का कहना है कि बशर्ते वर्तमान में उपलब्ध टेस्ट वायरस का पता लगाने के लिए प्रभावी होने चाहिए।

​क्या मौजूदा टीका ओमीक्रोन वैरिएंट के खिलाफ कारगार है

चूंकि यह खतरनाक स्ट्रेन 32 म्यूटेंट से मिलकर बना है, इसलिए इम्यूनिटी को डवलप करने के लिए वैक्सीन कारगार होगी या नहीं , इस बात को लेकर चिंता बनी हुई है। बता दें कि कोई भी कोविड वैक्सीन 100 प्रतिशत सुरक्षा नहीं दे सकती। डॉ. बेलाड का सुझाव है कि मौजूदा टीके संक्रमण की गंभीरती को कम करने में प्रभावी साबित होंगे।

​नए वैरिएंट से बचने के उपाय करना जरूरी

कोरोना की दूसरी लहर ने हम सभी के जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। इस दौरान लोगों को कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। जहां कई लोग इस घटना से बचे रहे , वहीं न जाने कितनों ने दम तोड़ दिया। हालांकि इससे हम सभी को सबक मिला है, जो हमें भूलना नहीं चाहिए। आज जब कोरोना का नया वैरिएंट भारत में एंट्री कर चुका है, ऐसे में इससे बचने के उपाय करना पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है।

डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक, डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह कहती हैं, लोगों को अच्छी तरह से फिट होने वाला मास्क पहनना चाहिए, जो उनकी नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढंके।

    खराब हवादार और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
    अपने हाथों को साफ रखें।
    खांसी और छीक आने पर मुंह को ढंके और वैक्सीन लगवाएं। भले ही लोगों को टीका लग गया हो, लेकिन सभी एहतियाती उपाय करने चाहिए।
    यात्रियों को हर समय सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों का पालन करना चाहिए।

​क्या सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध वैरिएंट को फैलने से रोक सकते हैं?

लगभग 29 देशों ने अब तक ओमीक्रोन वैरिएंट के मामलों की पुष्टि की है। मामलों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि के चलते दुनियाभर में यात्राओं पर प्रतिबंध लगाए हैं। राज्यों को कोविड-19 टेस्ट में तेजी लाने के लिए कहा गया है। अंतरराष्ट्रीय यात्रा के मामले में कहा जा रहा है कि यात्रियों को RT-PCR टेस्ट कराना होगा, जिसमें जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल लिए जाएंगे । इस तरह के कुछ उपाय वायरस के प्रसार को रोकने के लिए किए जा रहे हैं, ताकि हम ज्यादा नुकसान से बच सकें। डॉ.बेलाड के अनुसार, यात्राओं पर लगाए गए प्रतिबंध मामलों के अचानक सामने आने से रोकने के लिए जरूरी हैं।

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