जज का काम लोगों को खुश करना नहीं- हिजाब बैन में फैसला सुनाने वाले जस्टिस हेमंत गुप्ता बोले

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 नई दिल्ली
 
हिजाब मामले में फैसला सुनाने वाले जस्टिस हेमंत गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट को अलविदा कह दिया है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जज का काम लोगों को खुश करने का नहीं, बल्कि कानून के आधार पर मामलों का फैसला करने होता है। कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध मामले में शीर्ष न्यायालय के दो जजों की बेंच की राय अलग-अलग थी।

जस्टिस गुप्ता ने कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था। सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटान से इनकार कर दिया था। बहरहाल, इस मामले पर अभी शीर्ष न्यायालय का अंतिम फैसला आना बाकी है। जबकि, जस्टिस सुधांशु धूलिया ने अपीलों को स्वीकार किया था।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने विदाई भाषण दिया। उन्होंने कहा, 'एक जज लोगों को खुश नहीं कर सकता… यह काम उसका नहीं है। वह भूमिका सार्वजनिक जीवन में दूसरों को दी गई है। कोई व्यक्ति लोगों को खुश करने के इरादे से अपना काम नहीं कर सकता। मैं अदालत में कठोर था मुखर था।' न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा कि शीर्ष अदालत में रहना 'व्यक्तिगत रूप से समृद्ध अनुभव' था और उन्हें हमेशा सभी वकीलों से सहायता मिली। उन्हें दो नवंबर, 2018 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।

 

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