सांसद तुलसी गबार्ड ने छोड़ी पार्टी ,US यूक्रेन जंग में सेना भेजेगा ,रूस से सीधी भिड़ंत नहीं चाहता

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जयपुर

 रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग बेहद संगीन मोड़ पर पहुंच चुकी है। क्रीमिया में 3 अरब डॉलर की लागत से बने ब्रिज पर हमले के बाद से पुतिन का पारा सातवें आसमान पर है। यूक्रेन की जमीन पर पुतिन के गुस्से और बदले का बेहिसाब बारूद बरस रहा है..लगातार दो दिन यूक्रेन के उन लक्ष्यों को निशाना बनाया गया है जो अब तक नहीं बनाए गए थे। ऐसे में यूक्रेन मदद के लिए अमरीका समेत तमाम यूरोपीय देशों से गुहार लगा रहा है। यूरोपीय देशों ने यूक्रेन को भरपूर मदद का वादा भी किया है। इसी बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमरीका की तरफ से बड़ा बयान आया है। अमरीका ने साफ किया है कि वो रूस के के साथ किसी भी तरह का संघर्ष नहीं चाहता है। अमरीका का ये बयान उस वक्त आया है जब अमरीका में पूर्व संसद और डेमोक्रेट पार्टी की प्रभावशाली नेता तुलसी गबार्ड ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

जंग की बातें करने वालों के नियंत्रण में पार्टी: तुलसी

जी हाँ, अमरीका की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड ने सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ दी है। गबार्ड ने आरोप लगाए हैं कि यह पार्टी एक तरह से कुछ एलीट लोगों के नियंत्रण में है। जो जंग की बातें करते हैं। श्वेत लोगों का विरोध करते हैं और नस्लभेदी ग्रुप में तब्दील हो रहे हैं। गबार्ड दो साल पहले डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार रही हैं।

गबार्ड रही हैं तेज तर्रार छवि वाली नेता
गबार्ड पिछले साल 2021 में अमरीकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स से सेवानिवृत्त हुईं हैं। उन्हें तेज तर्रार छवि वाली नेता माना जाता है। गबार्ड ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया है जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी तरह की सोच रखने वाले लोगों को अब डेमोक्रेटिक पार्टी को छोड़ देना चाहिए। गबार्ड भारतीय मूल की नहीं हैं। उनका जन्म 12 अप्रैल 1981 को अमेरिका के लेलोआलोआ में हुआ था।

रूस से सीधा नहीं भिड़ना चाहता अमरीका
यूक्रेन और रशिया के युद्ध में अमरीका अब तक लगातार रूस पर हमलावर रहा है, ऐसे में यूक्रेन के लिए वो सबसे करीबी दोस्त की तरह था। हालांकि अब अमरीका के बयान से यूक्रेन को बड़ा झटका लगा है। अमरीका की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि यूक्रेन में अमरीका अपने सैनिक नहीं भेजेगा। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमरीका रूस से सीधी भिड़ंत नहीं चाहता है।

परमाणु हमले का खतरा, मिलेंगे तुर्की और रूस के राष्ट्रपति

दरअसल, पिछले दो दिनों मे रूस ने यूक्रेन पर हमलों की रफ्तार और ताकत बढ़ा दी है। हमलों को देखकर पुतिन और उनके करीबियों के बयानों को सुनकर नौबत परमाणु हमले तक की बनती दिख रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच आज बड़ी बैठक के आसार हैं। आज रूस के राष्ट्रपति पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन की मुलाकात हो सकती है। दोनों नेता कजाकिस्तान में मिल सकते हैं। इस दौरान पश्चिमी देशों के साथ वार्ता के प्रस्ताव पर चर्चा संभव है।

 

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