गाजीपुर में पुलिस ने रेलवे अधिकारियों-कर्मचारियों को पकड़ा, खड़ी हुईं कई ट्रेनें

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गाजीपुर 
गाजीपुर में जलभराव के लिए रेलवे को जिम्मेदार बताकर शुक्रवार की रात प्रशाससनिक अधिकारियों ने ट्रैक पर मरम्मत का काम कर रहे रेलकर्मियों को हिरासत में लेकर थाने भेज दिया। इससे ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया। पांच ट्रेनें औड़िहार के रास्ते डायवर्ट की गई तो गाजीपुर के यात्रियों को दूसरी ट्रेन से औड़िहार पहुंचाया गया। मामले की जानकारी डीआरएम वाराणसी और जीएम गोरखपुर तक पहुंची तो खलबली मच गई। रेलवे मंडल कार्यालय ने डीएम से बातचीत की और कर्मचारियों को छोड़कर मामला सुलझाने की अपील की। गाजीपुर के रौजा क्षेत्र के सरस्वती बिहार कालोनी, चंद्रशेखर कालोनी, टेढ़वा, बरहनिया में जलभराव के बाद जनता ने आक्रोश दिखाया। जिम्मेदार नाकामी छिपाने के लिए जिला प्रशासन अब रेलवे पर ठीकरा फोड़ रहा है। डीएम की फटकार से खफा एसडीएम सदर अनिरुद्ध कुमार ने अपना गुस्सा शुक्रवार रात रेलवे ट्रैक पर काम करने वाले अधिकारियों और कर्मियों पर निकाला। रेलवे ट्रैक पर मरम्मत कार्य में जुटे रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों को एसडीएम सदर ने पहले तो खरी खोटी सुनाई फिर पुलिस से कहकर हिरासत में ले लिया।

पुलिस की कार्रवाई देख ट्रैक पर मरम्मत अधूरी छोड़कर श्रमिक भी भाग खड़े हुए। इसकी जानकारी मिलते ही गाजीपुर सिटी स्टेशन पर ट्रेनों के पहिए थम गए और आगे के लिए सिग्नल रेड कर दिया गया। वहीं गाजीपुर के आगे जाने वाली ट्रेनों को औड़िहार से मऊ के रास्ते बलिया के लिए डायवर्ट कर दिया गया, वहीं बलिया की ट्रेनें भी सुबह तक गाजीपुर नहीं आएंगी बल्कि बलिया से औड़िहार डायवर्ट होगी। मामले की जानकारी के बाद डीआरएम ने जिला प्रशासन से वार्ता की और कर्मचारियों को छोड़ने की अपील की। इसमें गाजीपुर स्टेशन के आईओडब्ल्यू, ईओआई, ट्राली मैन समेत पांच कर्मचारी शामिल हैं। इस दौरान स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस, छपरा-लखनऊ एक्सप्रेस, गोदिया एक्सप्रेस, पवन एक्सप्रेस  को डायवर्ट किया गया। प्रशासन का कहना था कि रेलवे ट्रैक के नीचे छोटी पुलिया बनाकर निकासी का माध्यम था जिसे बंद कर दिया गया और जलभराव हो गया। रेलवे ट्रैक पर जनता के हंगामे के लिए रेलवे जिम्मेदार है।
 

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