कोरोना है या नहीं अब कुत्ते सूंघकर बताएंगे, बार-बार जांच करवाने का नहीं होगी झंझट

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नई दिल्ली
आपने अभी तक कुत्तों को एयरपोर्ट, किसी क्राइम स्पोर्ट पर, स्कूलों में या किसी हेवी मेटल कॉन्सर्ट कुत्तों को सूंघते हुए देखा होगा। कुत्ते सूंघ कर किसी चीज के बारे में बताने में काफी माहिर होते हैं। लेकिन आपने ये पहली बार सुना होगा कि अब कुत्ते सूंघकर बताएंगे कि आप कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमित है या नहीं। जीं हां, वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने कुछ ऐसे कुत्तों को ट्रेन्ड किया है, जो अब सूंघकर बताएंगे कि आप कोरोना से संक्रमित हैं या नहीं। कोरोना वायरस की पहचान के लिए अब तक एंटीजन और RTPCR टेस्ट की जरूरत होती थी, लेकिन अब एक कुत्ता भी सूंघ कर बता सकता है कि किसी को कोविड -19 संक्रमण है या नहीं।
 
 
जानें कैसे कुत्ते सूंघकर बताएंगे, आपको कोरोना है या नहीं?
कुत्तों को लंबे समय से मेडिकल क्षेत्र में बमों और प्रतिबंधित दवाओं को सूंघने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। कुत्तों का उपयोग कुछ प्रकार के कैंसर, मधुमेह और यहां तक कि पार्किंसंस रोग को भी सूंघने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया को 'बायोडिटेक्शन' कहा जाता है क्योंकि इसमें कोई परीक्षण या रसायन शामिल नहीं होता है। 2020 में जब कोरोना महामारी ने वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों को कोविड-19 वायरस को सूंघने के लिए कुत्तों को प्रशिक्षित करना शुरू किया और उन्हें जल्दी ही सफलता मिली।

वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता
अमेरिकी सरकार के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (एनसीबीआई) के मुताबिक, कुत्तों को उनकी अत्यंत संवेदनशील घ्राण प्रणाली के लिए जाना जाता है जो कि सांद्रता में 1.5 भागों-प्रति-ट्रिलियन जैसे पदार्थों का भी पता लगा सकते हैं। जब कोई बीमार होता है, तो मानव शरीर विशिष्ट वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों या वीओसी को छोड़ता है, यह गैस के रूप में उत्सर्जित होता है और प्रति संक्रमण एक विशिष्ट गंध होती है। इसलिए, जो लोग अपने अनूठे वीओसी के साथ कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं, वे एक अलग गंध देते हैं जिसे 'बायोडिटेक्शन डॉग्स' द्वारा पहचाना जा सकता है।

एयरपोर्ट पर कुत्ते सूंघकर बता रहे हैं कोरोना के बारे में?
दुनियाभर के कई बड़े एयरपोर्ट पर कोरोना की जांच के लिए 'बायोडिटेक्शन डॉग्स' का इस्तेमाल किया जा रहा है। दुनियाभर के विभिन्न हवाई अड्डों लेबनान, संयुक्त अरब अमीरात और फिनलैंड पर 'बायोडिटेक्शन डॉग्स' के द्वारा टेस्ट किए जा रह हैं। एनसीबीआई ने बताया कि फिनलैंड और लेबनान में किए गए परीक्षणों के शुरुआती निष्कर्षों से पता चला कि कुत्ते पारंपरिक परीक्षणों से वायरस लेने से कुछ दिन पहले सकारात्मक मामलों की पहचान करने में सक्षम हैं। अमेरिका में मियामी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पायलट कार्यक्रम ने 98% का पता लगाया है।
 
पसीना सूंघकर कुत्ते बता रहे हैं कोरोना संक्रमण के बारे में
रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में ऐसे स्थानों और आयोजनों की संख्या बढ़ रही है जहां कोविड सूंघने वाले कुत्तों को तैनात किया जा रहा है। दुबई में पुलिस ने 38 खोजी कुत्तों की एक विशेष इकाई का गठन किया है जो 92% सटीकता के साथ मानव पसीने के नमूनों से कोविड-19 का पता लगा सकती है। अमेरिका के मैसाचुसेट्स में कोविड के सूंघने वाले कुत्ते स्कूलों का चक्कर लगा रहे हैं। बोस्टन ग्लोब की रिपोर्ट है कि शेरिफ के कार्यालय ने एक कार्यक्रम शुरू किया है जिसमें दो युवा कुत्तों – हंटाह और ड्यूक को एक प्रयोगशाला का हिस्सा बनाया गया है, जो 15 स्कूलों में हर दिन जाते हैं और वायरस की गंध को सूंघकर बताते हैं।
 
सेना कर रही है कुत्तों को ट्रेंड
ऑस्ट्रियाई सेना ने रिकॉर्ड पर कहा है कि उसने अपने कुछ कुत्तों को कोविड को सूंघने के लिए प्रशिक्षित किया है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि वो बड़े पैमाने पर संक्रमण को सूंघने के लिए कुत्तों की तैनाती नहीं करेंगे। वहीं अमेरिका के निजी फर्मों ने भी कुत्तों को कोविड का पता लगाने के लिए प्रशिक्षण दिया है, जिसका लाभ भी उन्हें मिला है। अमेरिका में संगीत समारोहों और कार रेस जैसे बड़े आयोजनों में भी बायोडेटेक्शन K9 और 360 K9 जैसे कोविड सूंघने वाले कुत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
 

कोरोना की तीसरी लहर और ओमिक्रॉन एक बार फिर से पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है। ऐसे में हर देश इस वक्त सरल और सस्ता कोरोना जांच और तेजी से जांच करने पर फोकस करना चाहता है, ऐसे में कोविड-सूंघने वाले कुत्तों की मांग वास्तव में बढ़ सकती है। हालांकि, समस्या वास्तव में मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त संख्या में ऐसे विशेष कुत्तों की उपलब्धता के साथ होगी और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या सरकारें और चिकित्सा प्रशासक कुत्ते के सूंघने को संक्रमण के निर्णायक सबूत के रूप में लेने के लिए सहमत होंगे?

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