काल भैरव जयंती के दिन जरूर पढे़ं ये कथा, जानें भगवान शिव के क्रोध से कैसे हुआ अवतरण

0
401

नई दिल्ली
काल भैरव जयंती पर काल भैरव की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। इस साल 27 नवंबर, शनिवार को काल भैरव जयंती है। हर साल मार्गशीर्ष माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर काल भैरव जयंती का पावन पर्व मनाया जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार इसी दिन भगवान शिव ने काल भैरव का अवतार लिया था। इस पावन दिन काल भैरव के अवतरण की कथा का पाठ करना शुभ माना जाता है। आगे पढे़ं कथा-

काल भैरव ने इस वजह से लिया अवतार

शिव महापुराण में वर्णित ब्रह्माजी और भगवान विष्णु के बीच हुए संवाद में भैरव की उत्पत्ति से जुड़ा उल्लेख मिलता है। एक बार भगवान विष्णु ने ब्रह्माजी से पूछा कि इस ब्रह्माण्ड का श्रेष्ठतम रचनाकर कौन है?  इस सवाल के जवाब में ब्रह्माजी ने स्वयं को सबसे श्रेष्ठ बताया। ब्रह्माजी का उत्तर सुनने के बाद भगवान विष्णु उनके शब्दों में समाहित अहंकार और अति आत्मविश्वास से क्रोधित हो गए और दोनों मिलकर चारों वेदों के पास अपने सवाल का उत्तर करने के लिए गए। सबसे पहले वे ऋग्वेद के पास पहुंचे। ऋग्वेद ने जब उनका जवाब सुना तो कहा “शिव ही सबसे श्रेष्ठ हैं, वो सर्वशक्तिमान हैं और सभी जीव-जंतु उन्हीं में समाहित हैं”। जब ये सवाल यजुर्वेद से पूछा गया तो उन्होंने उत्तर दिया “यज्ञों के द्वारा हम जिसे पूजते हैं, वही सबसे श्रेष्ठ है और वो शिव के अलावा और कोई नहीं हो सकता”।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here