पटना
उद्योग विभाग ने दो दवा कंपनियों को काली सूची में डाल दिया है। इनके नाम एम्स इंटरनेशनल और एसडीएल कॉरपोरेशन हैं। इन पर पशुपालन विभाग में फर्जी दस्तावेजों के जरिए दवा आपूर्ति का ठेका हथियाने के आरोप हैं। ये कंपनियां आगे राज्य सरकार के किसी भी विभाग या एजेंसी को दवा की आपूर्ति नहीं कर सकेंगी। एम्स इंटरनेशनल हरियाणा के अंबाला की कंपनी है। एसडीएल कॉरपोरशन का कार्यालय पटना के सलीमपुर अहरा में है। दोनों कंपनियों ने 2014-15, 2015-16 और 2016-15 में पशुपालन विभाग में दवा आपूर्ति का ठेका लिया था।
एम्स इंटरनेशनल को पशुओं के लिए मिक्सचर मिनरल की आपूर्ति का ठेका दिया गया था, जबकि एसडीएल कॉरपोरेशन के पास पशुओं के लिए बुखार की दवा और एंटीबॉयोटिक की आपूर्ति का ठेका था। शिकायत मिलने पर दोनों कंपनियों की ओर से निविदा के समय जमा किए गए कागजात की जांच कराई गई।
न लाइसेंस सही, न परफॉर्मेंस सर्टिफिकेट
एम्स इंटरनेशनल की ओर से जमा किए गए मैनुफैक्चरिंग लाइसेंस को सत्यापन के लिए जब भेजा गया तो हरियाणा सरकार के आयुष विभाग के राज्य लाइसेंस प्राधिकार निदेशालय की ओर से साफ कहा गया कि इस तरह का कोई लाइसेंस उनकी ओर से नहीं जारी किया गया है। नॉन कॉन्वीक्शन सर्टिफिकेट, जीएमपी सर्टिफिकेट और परफॉर्मेंस सर्टिफिकेट के बारे में भी यही कहा गया। एसडीएल कॉरपोरेशन के जमा कराए गए दस्तावेजों के बारे में भी बिहार सरकार की एजेंसियों से गड़बड़ी का पता चला।