ई-श्रम पोर्टल पर पांच महीने में राज्य के सवा करोड़ मजदूर

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पूरे मध्यप्रदेश को मजदूर बना दिया शिवराज सरकार नेःभूपेन्द्र गुप्ता

भोपाल
हर महीने एक लाख लोगों को रोजगार देने की ढपली बजाने वाली मध्य प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश को मजदूर प्रदेश बना दिया। विगत 5 महीने में केंद्र सरकार द्वारा बनाये श्रम पोर्टल पर मध्य प्रदेश के 1करोड़ 21 लाख लोगों ने अपने आप को मजदूर के रुप में पंजीकृत करवाया है ।पूरे देश में यह संख्या 25 करोड़ है। यह डबल इंजन की सरकारों का डंका है जो उसी के पोर्टल पर बज रहा है।

 प्रदेश कांग्रेस मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने प्रतिमाह एक लाख रोजगार देने का वादा किया था। हर जिले में रोजगार मेले लगाने की घोषणा की थी। 1 लाख बैक लॉग के पद भरने की घोषणा की थी ।चयनित शिक्षकों को पदस्थापना देने की घोषणा की थी ।लेकिन मध्य प्रदेश का दुर्भाग्य है कि प्रदेश के लोग मजदूरी करने के लिए विवश हैं।एक करोड़ 21 लाख मजदूरों में ग्रेजुएट पोस्ट ग्रेजुएट और व्यावसायिक डिग्री लिए लोग शामिल हैं ।जो5000 से लेकर 8000 और 10000 की नौकरी करने के लिए विवश हैं।

जिस मध्यप्रदेश की अकेली राजधानी में 100 से ज्यादा इंजीनियरिंग कॉलेज हैं वहां का नौजवान श्रमिक बनने के लिए मारा मारा फिर रहा है। जुमले झूठ और माया फैलाने वाली  सरकार बताये कि कहां है एक लाख रोजगार जो हर महीने दिए जाने थे ?कहां है वह नौकरियां जिन्हें भरने का वादा किया गया था? कल्पना कीजिए की  साढे 7 करोड़ की आबादी में सवा करोड़ पंजीकृत मजदूर और कम से कम दो करोड़ ऐसे मजदूर भी हैं जिन्हें ना पोर्टल का पता है ना पंजीकरण का। पूरे प्रदेश को मामा सरकार ने मजदूर बना दिया है ।

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