अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रभारी सचिव ने जिले की चिकित्सा व्यवस्थाओं की समीक्षा

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जयपुर
जन स्वास्थ्य अभियान्ति्रकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं जयपुर के जिला प्रभारी सचिव श्री सुधांश पंत ने जयपुर शहर में लगातार बढ़ते जा रहे कोरोना पॉजिटिव मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन, पुलिस, जयपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम, जयपुर के चिकित्सालयों के अधीक्षकों, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जयपुर शहर में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी उपाय करने के निर्देश दिए। हर व्यक्ति द्वारा मास्क लगाए जाने, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना, भीड़-भाड़ नहीं होने देने, सेनेटाइजेशन के साथ ही कोविड 19 के वैक्सीनेशन को शत प्रतिशत शीघ्र पूरा करने की आवश्यकता प्रतिपादित की गई। श्री पंत ने कहा कि टैस्टिंग कैपीसिटी को बढ़ाया जाना आवश्यक है। इसीसे मरीजों के संक्रमण की स्थिति का पता लग सकेंगा और उनके उपचार और आईसोलेशन की व्यवस्था होने से कोविड का प्रसार रूक सकेगा। श्री पंत ने हर हालात में कोरोना के विस्तार को रोकने के लिये व्यवस्थाओं को सुदृढ किये जाने के निर्देश दिये।

जिला कलक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को जिला प्रशासन, पुलिस एवं विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों की बैठक में श्री पंत ने कोविड प्रबंधन की समीक्षा की। प्रभारी सचिव ने बैठक में सभी अधिकारियों से कोरोना संक्रमण की स्थिती, संक्रमण रोकने के प्रयासों और कोरोना के ईलाज की व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इसके प्रसार को रोकने में त्वरित कार्यवाही अपेक्षित है। श्री पंत ने कहा कि टेस्टिंग करते समय मरीज की पूरी जानकारी का संग्रहण आवश्यक रूप से किया जाए। सैम्पलिंग बढ़ाया जाना जरूरी है साथ ही संक्रमित मरीजों को आवश्यक रूप से आइसोलेट किया जाए। उन्होंने कहा कि मास्क नही लगाने वाले लोगों का चालान किया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए भी जागरूक करना होगा।

उन्होंने कहा कि लोगों की सेहत के लिये सख्ती किया जाना आवश्यक है। इसके लिये पुलिस के दलों को सक्रिय रूप से तैयार रहना होगा। जयपुर संवेदनशील क्षेत्र है। यदि सभी लोग मिलजुलकर निष्ठा से कार्य करेंगे तो किसी भी आपात स्थिति से निपटने में कोई परेशानी नहीं आयेगी। बैठक में माइक्रो कन्टेनमेंट जोन पर पूरी निगरानी रखने निदेश दिये गये।

आरटीपीसीआर की रिपोर्ट में लगने वाले समय को भी कम किये जाने की आवश्कता जताई गई। श्री पंत ने कहा कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा। 20 प्रतिशत हॉस्पिटलाईजेशन होने पर अन्य आपात स्थिति के लिये भी सभी अधिकारियों को व्यवस्थाओं के विस्तार के लिये तैयार रहना होगा। चिकित्सा के सभी उपकरणों की वर्किंग कन्डीशन आवश्यक रूप से चैक किये जाने के भी निर्देश दिये गये।

जिला कलक्टर श्री अन्तर सिंह नेहरा ने बताया कि जिला कलक्ट्रेट में वॉररूम व कन्ट्रोल रूम की स्थापना के साथ ही इन्सीडेन्ट कमाण्डर्स और अस्पतालों के लिये नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है। एयरपोर्ट पर शत प्रतिशत चैकिंग की व्यवस्था कर दी गई है। अन्तर्राष्ट्रीय विमानों से आने वाले शत प्रतिशत व्यक्तियों की आरटीपीसीआर चैकिंग की जा रही है। रेलवे स्टेशन और बस स्टैण्डों पर भी राउण्ड दी क्लॉक टीमे कार्य कर रही है।

बैठक में जयपुर शहर के सवाई मानसिंह अस्पताल, आरयूएचएस, जयपुरिया और ईएसआई अस्पताल के अधीक्षकों ने बताया कि सभी अस्पतालों में बेड, उपकरण, ऑक्सीजन, वेन्टीलेटर्स, दवाइयां और टेस्ट की व्यवस्थाओं की नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है। जयपुर के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि सैम्पलिंग प्रतिदिन बढ़ाई जा रही है। घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा है और संक्रमित मरीजों को आइसोलेट किया जाना भी सुनिश्चित किया जा रहा है।

जयपुर शहर में पुलिस द्वारा व्यवस्थाओं को मजबूत कर लिया गया है। माइक्रो कन्टेनमेंट जोन में लगातार निगरानी रखी जा रही है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस द्वारा फ्लैग व पैदल मार्च किया जा रहा है। रात्रि 11 बजे से पुलिस ने शहर में 150 चैकिंग पोईन्ट बढ़ा दिये गये है। रोको टोको अभियान भी चलाया जा रहा है। नगर निगमों द्वारा जागरूकता अभियान के तहत 300 हूपर्स पर जागरूकता संदेश का प्रसारण किया जा रहा है। निगमों की साईट्स पर जागरूकता के लिये होडिग्स भी लगा दिये गये है। शहर में चलने वाले सभी ऑटो रिक्शाओं पर जागरूकता संदेश भी लगाये जा रहे है।

बैठक में जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त श्री गौरव गोयल, पुलिस अधिकारीगण, नगर निगम हैरिटेज एवं ग्रेटर के आयुक्त, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीएमएचओ प्रथम एवं द्वितीय सहित शहर के अस्पतालों के अधीक्षकगण सहित संबंधित विभागों  और जिले के अधिकारीगण मौजूद थे।

 

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