आशीष मिश्र की पुलिस कस्टडी पर कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

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लखीमपुर
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में तीन अक्तूबर को हुए बवाल में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष की पुलिस कस्टडी रिमांड पर कोर्ट में सुनवाई हो गई है। सुनवाई के दौरान आशीष को कोर्ट में पेश किया गया, बल्कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही सुनवाई हुई। आशीष मिश्र की पुलिस कस्टडी पर कोर्ट में बहस पूरी हो गई है। सीजी चिंताराम की कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

इससे पहले क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर विद्याराम दिवाकर मामले की फाइल लेकर अदालत में पेश हुए। कोर्ट में बचाव पक्ष के वकील अवधेश दुबे ने अपनी दलीलें देना शुरू की। अवधेश दुबे ने यह दलील दी कि क्या थर्ड डिग्री अपनाने के लिए आप मुलजिम का कस्टडी रिमांड मांग रहे हैं।

बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि मैं विवेचना के दौरान अभियुक्त के अधिवक्ता के रूप में उस समय मौके मौजूद था। एसआईटी के पास जो सवालों की सूची थी उसमें केवल 40 सवाल ही थे, पूरी टीम डीआईजी साहब, एसपी और सभी अधिकारियों ने तीन-तीन घंटे पूछताछ कर चुके हैं, टीम ने 40 सवालों की लिस्ट बनाई थी। उन्होंने कहा कि अभियुक्त सभी 40 सवालों का एक के बाद एक उत्तर देते रहे, सभी प्रश्नों का सिलसिलेवार ढंग से उत्तर दिया गया है। पहले कहा गया कि इन प्रश्नों की कॉपी आपको उपलब्ध कराई जाएगी। बाद में कॉपी उपलब्ध नहीं कराई गई।

बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि आपने 11:00 बुलाया और अभियुक्त वहां 10:45 बजे उपस्थित हो गया था, अधिकारी 40 सवालों के बारे में पूरे 12 घंटे पूछताछ करते रहे, जो प्रश्न था उसका सिलसिलेवार ढंग से उत्तर दिया गया है। पेन ड्राइव दिए, डेढ़ सौ फोटो दिए। 2:00 बजे से 2:30 बजे तक 3:00 बजे तक 4:00 बजे तक सारे फुटेज और सारे वीडियो दिए गए। अभियुक्त आशीष मिश्रा मोनू दंगल के कार्यक्रम में मौजूद था।

अभियोजन अधिकारी एसपी यादव ने कहा कि कुछ गवाह होते हैं कुछ गवाहों से आमना-सामना करना है। मामले में जिन गवाहों से आमना-सामना कराना है उनके नाम डिस्क्लोज करना उचित नहीं होगा। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि जो पूछताछ करनी है जेल जाकर पूछताछ कर लीजिए।

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