हेलीकॉप्टर दुर्घटना जांच के लिये पहुंची डीजीसीए की टीम

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रायपुर
गुरवार की रात में स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर हुए हेलीकाप्टर दुर्घटना की जांच के लिये दिल्ली से आज सुबह डीसीए की टीम रायपुर पहुंची और उन्होंने हेलीाकाप्टर के ब्लैक बाक्स को अपने कब्जें में ले लिया। टेस्टिंग के दौरान छत्तीसगढ़ शासन का अगस्ता हेलीकाप्टर लैंडिंग करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसमें  दो पायलटों की मौत हो गई। मुख्य सचिव ने दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं वे स्वंय आज अन्य अफसरों के साथ एयरपोर्ट पहुंचे और दुघर्टना स्थल का जायजा लिया।

गुरवार का हुए इस हादसे किे बाद एयरपोर्ट अथारिटी ने हेलीकाप्टर के ब्लैक बाक्स को अपने कब्जे में ले लिया है। इसे डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) को भेजा जाएगा। इसकी जांच के बाद ही इस दुर्घटना की वजह स्पष्ट हो पाएगी। अब तक मिली जानकारी के अनुसार उड़ान के दौरान अचानक खराबी आ जाने से हेलीकाप्टर अनियंत्रित हो गया और पायलट को उसे संभालने का मौका नहीं मिल पाया। दुर्घटना के बाद हेलीकाप्टर में दोनों पायलट फंस गए थे, जिन्हें बाहर निकालने के लिए जवानों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

जो जानकारी मिली है उसके अनुसार दिल्ली से पायलट एपी श्रीवास्तव पायलट गोपालकृष्ण पंडा को प्रशिक्षित करने यहां आये वर्ष-2007 में छत्तीसगढ़ सरकार की मैना हेलीकाप्टर साल्हेवारा के जंगल में क्रैश हुआ था। हादसे में चालक समेत चार लोगों की मौत हुई थी। उस समय हेलीकाप्टर के जंगल में गिरने की खबर एक चरवाहे ने रेडियो में न्यूज सुनने के बाद दी थी। हेलीकाप्टर के लापता होने के बाद से सरकार लगातार इसकी खोजबीन में जुटी थी।

मृत पायलट अजय श्रीवास्तव एयर फोर्स से सेवानिवृत होने के बाद डीजीसीए में प्रशिक्षक पायलट के तौर पर सेवाएं दे रहे थे। उनकी चिकित्सक पत्नी भी एयर फोर्स से सेवानिवृत होने के बाद दिल्ली में ही प्राइवेट क्लीनिक चला रहीं हैं। बेटी और दामाद भी एयर फोर्स में हैं। मूलत: संबलपुर निवासी मृत पायलट गोपाल कृष्ण पंडा का परिवार रायपुर में ही रह रहा है। उनके परिवार में पत्नी, बेटी और बेटा हैं।

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