ये लक्षण है लॉन्ग कोविड के नजरअंदाज न करे

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कोरोना वायरस  का कहर अभी खत्म होता नहीं दिख रहा है। कई देशों को कोरोना की चौथी लहर  का सामना करना पड़ रहा है और वहां नए मामलों की संख्या आसमान छू रही है। अगर बात करें भारत की तो यहां भी रोजान करीब दो हजार नए मामले आ रहे हैं। इस बार सबसे ज्यादा कहर कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट  और उसके सब-वेरिएंट बीए.2, बीए.4 और बीए.5 मचा रहे हैं।

कोरोना को आए हुए दो साल से ज्यादा हो गए हैं लेकिन इसके बारे में लगातार आ रहे शोध डराने वाले हैं। हाल ही में प्रकाशित एक नए शोध के अनुसार, कोरोना वायरस के कुछ लक्षण 15 महीनों तक बने रह सकते हैं। लंबे समय तक चलने वाले लक्षणों को लॉन्ग कोविड के रूप में जाना जाता है।

एनल्स ऑफ क्लिनिकल एंड ट्रांसलेशनल न्यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में पता चला है कि लॉन्ग कोविड के सबसे लंबे चलने वाले लक्षणों में न्यूरोलॉजिकल लक्षण आम हैं। चलिए जानते हैं कि कोरोना के वो कौन से लक्षण हैं जो, बीमारे के करीब डेढ़ साल बाद भी मरीजों का पीछा नहीं छोड़ रहे हैं।

15 महीनों तक चलने वाले लक्षण

अध्ययन के अनुसार, मरीज के ठीक होने के बाद भी कई कोरोना के कई लक्षण बने रह सकते हैं। हालांकि दिमागी लक्षण ज्यादा लंबे समय तक चलते हैं। इन लक्षणों में शामिल हैं-

    ब्रेन फोग
    सुन्नता
    झुनझुनी
    सिरदर्द
    चक्कर आना
    धुंधली दृष्टि
    कानों का बजना
    थकान

85% लोगों में मिले लॉन्ग कोविड के लक्षण

नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा सौ से अधिक मरीजों पर किये अपने शोध में पाया गया कि 85 प्रतिशत रोगियों ने अपने तीव्र संक्रमण के कम से कम छह सप्ताह बाद कम से कम चार न्यूरोलॉजिकल समस्याओं की सूचना द

15 महीने बने रहे न्यूरोलॉजिकल

अध्ययन में पाया गया कि ज्यादातर न्यूरोलॉजिकल लक्षण औसतन 15 महीने के बाद बने रहते हैं। जबकि अधिकांश रोगियों ने अपने सोचने-समझने की क्षमता और थकान में सुधार की रिपोर्ट की। यह लक्षण पूरी तरह से दूर नहीं हुए थे और उनके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करते थे।

समय के साथ बिगड़ने वाले लक्षण

अध्ययन में यह भी पाया गया कि हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर वेरिएशन और जठरांत्र संबंधी समस्याओं सहित कुछ लक्षण समय के साथ बढ़ते गए। स्वाद और गंध की कमी जैसे अन्य लक्षणों में सुधार हुआ। वैक्सीन ने लक्षणों को कम नहीं किया, लेकिन इसने कोरोना वायरस को बदतर होने से बचाया।

इतने दिनों तक क्यों रहते हैं लक्षण

ऐसा माना जाता है कि कोई भी वायरल संक्रमण शरीर के अन्य हिस्सों सहित दिमाग पर भी हमला करता। इससे शरीर में सूजन पैदा होती है। सूजन हमलावर वायरस पर हमला करने के लिए होती है, लेकिन यह प्रक्रिया में मस्तिष्क की कोशिकाओं और न्यूरॉन्स को भी नुकसान पहुंचाती है। ध्यान रहे कि कोरोना वायरस इंफ्लेमेटरी रेस्पोंस को बढ़ाता है।

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