ऊर्जा विकास निगम की होगी रिस्ट्रक्चरिंग, कार्यप्रणाली में लाया जाएगा समयानुकूल बदलाव : एसीएस ऊर्जा

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जयपुर
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने राजस्थान ऊर्जा विकास निगम की कार्यप्रणाली में आमूलचूल बदलाव लाने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए अधिकारियों से सकारात्मक सोच के साथ काम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बदली हुई परिस्थितियों व समय की मांग के अनुसार विभाग की रिस्ट्रक्चरिंग करते हुए अधिकारियों का कार्य विभाजन किया जाएगा।

 डॉ.अग्रवाल गुरुवार को विद्युत भवन में राजस्थान ऊर्जा विकास निगम के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विभाग की समयानुकूल और पारदर्शी लिटिगेशन पॉलिसी तैयार की जाएगी ताकि विचाराधीन प्रकरणों में समय पर जबाव दावे प्रस्तुत करने, प्रभावी तरीके से विभागीय पक्ष रखने और प्रकरणों को समयबद्ध निष्पादन की स्थिति में लाने की आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि इससे विभागीय प्रकरणों की मॉनेटरिंग व्यवस्था में भी सुधार होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिजली की मांग और आपूर्ति की स्थिति को देखते हुए बिजली खरीद की वैज्ञानिक प्रणाली विकसित करनी होगी ताकि बिजली खरीद की लागत को युक्तिसंगत व लाभदायी बनाया जा सके। उन्होेंने पीपीए से जुड़े प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए।

 डॉ.अग्रवाल ने अधिकारियों से कहा कि निगम में रिजल्ट ओरियंटेड कार्यप्रणाली विकसित होनी चाहिए। इसके लिए परंपरागत सोच व कार्यप्रणाली बदलनी होगी ताकि कार्य निष्पादन में अनावश्यक देरी के स्थान पर सकारात्मक परिणाम प्राप्त किए जा सके। उन्होंने विभागीय बैठकों के निर्णयों को समाहित करते हुए अधिकतम तीन दिवस में मिनिट्स जारी करने के निर्देश दिए और निर्णयों की समययबद्ध क्रियान्विति को कहा।

 ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक भास्कर ए. सावंत ने बताया कि बिजली की निर्बाध आपूर्ति बनाए रखने के प्रयासों का ही परिणाम है कि प्रदेश में मांग के अनुसार बिजली की उपलब्धता बनी हुई है। उन्होंने बताया कि बिजली निगमों की मॉनेटरिंग व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है।

 बैठक में संयुक्त सचिव ऊर्जा आलोक रंजन, निदेशक पॉवर पीएस सक्सैना,वित्तीय सलाहकार गोपाल विजय, कंपनी सेकेट्री शिल्पा कासलीवाल, एसई डीएस जायसवाल, मुख्य अभियंता मुकेश बंसल सहित ऊर्जा विकास निगम के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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