G-20 समिट से पहले रूस-भारत में अहम बातचीत, रूसी समकक्ष से मिले राज्यसभा उपाध्यक्ष हरिवंश

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नई दिल्ली
जी-20 सम्मेलन से पहले भारत और रूस के बीच काफी महत्वपूर्ण बातचीत की गई है। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यसभा के उप-सभापकि हरिवंश ने शनिवार को रोम में जी-20 स्पीकर्स समिट के इतर फेडरेशन ऑफ काउंसिल, रूस के डिप्टी स्पीकर कॉन्स्टेंटिन कोसाचेव से मुलाकात की, जिसमें दोनों नेताओं के बीच कई महत्वपूर्ण मसलों पर बातचीत की गई है।
 
राज्यसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने एएनआई को बताया कि, "रोम में काउंसिल ऑफ फेडरेशन, रूस के रूसी उपाध्यक्ष कॉन्स्टेंटिन कोसाचेव ने भारत के साथ संबंधों को बढ़ाने पर प्रभाव डाला है और बेहतर संसदीय समन्वय के लिए राज्यसभा उप-सभापति हरिवंश को रूसी उच्च सदन में बातचीत के लिए रूस आने का न्योता दिया है।" आपतो बता दें कि, पिछले कुछ सालों में भारत और रूसे के बीच कई मुद्दों पर दूरियां आई हैं और दोनों देश थोड़े से दूर होते महसूस किए जा रहे थे। लेकिन पिछले कुछ महीनों से दोनों ही देशों ने एक बार फिर से अपने संबंधों को सुधारने की दिशा में पहल करनी शुरू कर दी है। भारत ने विदेशी वैक्सीन में सिर्फ रूसी वैक्सीन स्पुतनिक को ही भारत में इस्तेमाल की इजाजत दी है, तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपना प्रस्तावित पाकिस्तान का दौरा तक भारत के लिए रद्द कर दिया।
 
रोम में सातवें जी-20 संसदीय अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन के दौरान, विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें कोविड-19 महामारी के कारण सामाजिक और रोजगार संकट से उबरने की कोशिशों पर चर्चा की गई। वहीं, सामाजिक और आर्थिक पर्यावरणीय स्थिरता और 'स्थिरता और खाद्य सुरक्षा के बाद आर्थिक विकास को फिर से शुरू करना शामिल है। स्पीकर्स समिट 7-8 अक्टूबर को इटली की राजधानी रोम में आयोजित किया गया था। जिसमें भारत की तरफ से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भारत की ओर से शिखर सम्मेलन में भाग लिया। 

भारत और रूस की दोस्ती का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अमेरिका की तमाम धमकियों के बाद भी भारत ने रूस के साथ एस-400 मिसाइल सिस्टम करार को खत्म नहीं किया। पिछले दिनों भारत दौरे पर आईं अमेरिका की उप-विदेश मंत्री वेंडी आर. शर्मन ने कहा कि जल्द ही तीनों देश मिलकर इस मतभेद को सुलझा लेंगे। रही बात संभावित प्रतिबंधों की तो उस पर फैसला राष्ट्रपति बाइडेन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन करेंगे। यानि, अमेरिका चाह रहा है कि वो भारत रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने पर पर प्रतिबंध लगाए, लेकिन भारत ने अमेरिका को दो-टूक कहा है कि वो एक संप्रभू देश है और उसे हक है कि वो कहां से कौन सा सौदा करता है।  

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