जयपुर
राजस्थान के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास कोरोना समीक्षा को लेकर बुलाई गई एक मीटिंग में कह रहे हैं कि लोगों में कोरोना के प्रति दहशत फैलाना हो तो सबसे पहले स्कूल, काॅलेज समेत शिक्षण संस्थानों को बंद करना होगा। बच्चों के माध्यम से ही लोगों में कोराना ज्यादा फैलता है। बच्चों में दहशत फैलेगी तो लोग सरकार की गाइडलाइंस का सही ढ़ंग से पालन होगा। मीटिंग में खाचरियावास सुझाव दे रहे थे। उस समय मीटिंग में सीएम गहलोत भी मौजूद थे। खाचरियावास ने कहा स्कूलों को बंद करनी ही पड़ेगी। सरकार जो भी कोरोना को लेकर प्रोटोकाॅल जारी करेगी उसे लोग सब मानेंगे। कोरोना बच्चों से ही ज्यादा फैलता है। स्कूल-काॅलेज चाहे 7 दिन के लिए बंद कीजिए। लोगों को पता चलना चाहिए कि राज्य सरकार कोरोना को लेकर कितनी गंभीर है। यह वायरल वीडियो 3 से 4 दिन पुराना है।
कोरोना को लेकर सीएम गहलोत ने बुलाई थी मंत्रियों की मीटिंग
दरअसल हाॅल ही में कोरोना समीक्षा को लेकर सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री आवास पर मंत्रियों की बैठक बुलाई थी। बैठक में सभी मंत्री सुझाव दे रहे थे। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी मीटिंग अपने सुझाव दिए। सीएम गहलोत ने मीटिंग में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार को शिक्षण संस्थानों को लेकर गाइडलाइंस बनाने के निर्देश दिए। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास मीटिंग में यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि कोरोना सबसे ज्यादा बच्चों से ही फैलता है। स्कूल-काॅलेज चाहे 7 दिन के लिए बंद कीजिए। लोगों को पता चलना चाहिए कि राज्य सरकार कोरोना को लेकर कितनी गंभीर है। खाचरियावास ने कहा कि सुबह बस-आॅटों में बच्चे भरे हुए दिखाई दे जाएंगे। खाचरियावास के जवाब में सीएम गहलोत ने कहा-आप क्या कहना चाहते हैं। इसके जवाब में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियास ने कहा- सरकार को स्कूल बंद करनी चाहिए। भीड़ सबसे ज्यादा शिक्षण संस्थानों में ही मिलती है।
राजधानी जयपुर में लगातार बढ़ रहे हैं कोरोना केस
राजधानी जयपुर में जिस तरह कोरोना और ओमिक्राॅन के केस लगातार बढ़ रहे हैं उससे लेकर गहलोत सरकार ऐक्शन के मोड पर है। फिलहाल जयपुर में नगर निगम क्षेत्र में आने वाले कक्षा 1 से 8 तक के सरकारी-निजी शिक्षण संस्थानों को 9 जनवरी तक के लिए बंद किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि गहलोत सरकार प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों को आगामी दिनों में कुछ दिनों के लिए बंद करने का अहम निर्णय ले सकती है। गहलोत सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी कर प्रदेश में अंतिम संस्कार में शामिल होने की संख्या 20 तय कर दी है। जबकि विवाह समारोह में शामिल होने की संख्या घटाकर 100 व्यक्ति कर दी है। पहले यह संख्या 200 थी।