बिलासपुर
पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिह के प्रमुख सचिव अमन सिंह तथा उनकी पत्नी यास्मीन सिंह द्वारा छत्तीसगढ उच्च न्यायालय मे आय से अधिक संपत्ति के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई सोमवार को पूरी होने साथ ही न्यायालय ने आपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
अमन सिंह व यास्मीन की ओर से बहस के दौरान उनके वकील ने कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला ही नहीं बनता। फिर भी राजनीतिक दबाव में आकर बिना किसी तथ्य व सबूत के उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। तरफ से बहस पूरी होने के बाद एससीबी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ने बहस शुरू की। सभी पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया है। इसके पहले 6 सितंबर की सुनवाई में एसीबी द्वारा जवाब पेश किया गया था। जवाब में ऐसीबी ने अमन सिंह के उस आवेदन पर खंडन नहीं किया था जिस पर अमन सिंह ने कहा था कि प्रथमदृष्टया उन पर आय से अधिक संपत्ति का मामला बनता ही नहीं। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने एसीबी को निर्देशित किया था कि 24 सितंबर की अगली सुनवाई तक अमन सिंह के आय – व्यय की गणना कर ब्यौरा और केस डायरी को प्रस्तुत करे।
आरटीआई कार्यकर्ता रायपुर निवासी उचित शर्मा ने अमन सिंह और यास्मीन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए एसीबी तथा ईओडब्लू में शिकायत की गई थी। शिकायत के आधार पर एसीबी, व ईओडब्लू ने अपनी कार्रवाई शुरू की थी। इस कार्रवाई के खिलाफ अमन सिंह और यास्मीन सिंह ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं प्रस्तुत की थी। प्रारंभिक सुनवाई में ही हाईकोर्ट ने दोनों के खिलाफ नो कोर्सिव स्टेप यानी किसी भी प्रकार के दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।