भोपाल
कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और गृहमंत्री अमित शाह के सबसे बड़े आलोचकों में शामिल हैं। हालांकि, गुरुवार को उन्होंने इस बात का खुलासा किया कि किस तरह चार साल पहले नर्मदा परिक्रमा यात्रा के दौरान शाह और संघ कार्यकर्ताओं ने उनकी मदद की थी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और उनकी पत्रकार पत्नी अमृता ने 2017 में नर्मदा नदी के तट पर पैदल परिक्रमा की थी।
अपने पुराने सहयोगी ओपी शर्मा की किताब 'नर्मदा के पथिक' के विमोचन कार्यक्रम में सिंह ने कहा, ''एक बार हम गुजरात में अपने गंतव्य पर रात 10 बजे पहुंचे। जंगल के इलाके में आगे जाने का रास्ता नहीं था और रातभर रुकने की कोई सुविधा नहीं थी। एक वन अधिकारी आया और आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने हमें बताया कि अमित शाह ने उन्हें हमें पूरा सहयोग देने का निर्देश दिया था।'' कांग्रेस नेता ने कहा, ''गुजरात में चुनाव हो रहे थे, दिग्विजय उनका सबसे बड़ा आलोचक है, लेकिन उन्होंने (शाह) ने यह सुनिश्चित किया कि हमारी यात्रा में कोई दिक्कत ना हो। उन्होंने पहाड़ों के बीच से हमारे लिए रास्ता निकाला और हम सभी के लिए भोजन की व्यवस्था भी की।'' दिग्विजय सिंह ने छह महीने में 3 हजार किलोमीटर की यात्रा की थी। उन्होंने आगे कहा, ''आज तक मैं शाह से नहीं मिला हूं, लेकिन उचित माध्यम से मैंने उनका आभार जताया।'' उन्होंने कहा कि यह 'राजनीतिक समन्वय' का एक उदाहरण है। दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि वह आरएसएस के भी आलोचक हैं, लेकिन इसके कार्यकर्ता यात्रा के दौरान उनसे मिलते रहे।
दिग्विजय ने कहा, ''मैंने उनसे पूछा कि वे इतनी तकलीफ क्यों उठा रहे हैं, उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें मुझसे मिलने का आदेश दिया गया है।'' कांग्रेस नेता ने याद किया कि जब वे भरूच क्षेत्र से गुजर रहे थे, आरएसएस कार्यकर्ताओं ने एक दिन मांझी समाज धर्मशाला में उनके समूह के ठहरने की व्यवस्था की और जिस हॉल में उन्हें रखा गया था, दीवारों पर आरएसएस के दिग्गजों केशव बलिराम हेडगेवार और माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर की तस्वीरें थीं। दिग्विजय ने कहा कि वह यह सब इसलिए बता रहे हैं ताकि लोग जानें कि धर्म और राजनीति अलग है और उन्होंने अपने तीर्थ के दौरान सबसे मदद ली।