चंडीगढ़ में आप विधायकों का राजभवन की ओर कूूच, सड़क पर ही धरने पर बैठे, 27 को बुलाया विशेष सत्र

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चंडीगढ़
पंजाब के राज्‍यपाल द्वारा आज होनेवाले विधानसभा के‍ विशेष सत्र की मंजूरी देने के बाद उसे वापस लेने से राज्‍य की सियासत गर्मा गई है। आम आदमी पार्टी ने इसको लेकर सुबह से ही पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई। इसके बाद आप विधायकोंं ने राजभवन की ओर कूच किया। पुलिस ने उनको रास्‍ते में रोक दिया। इस दौरान पुलिस आप विधायकों के बीच टकराव हो गया। विधायक इसके बाद वहीं सड़क पर धरना देकर बैठ गए हैं। दूसरी ओर, भगवंत मान सरकार ने पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र अब 27 सितंबर को फिर बुलाने का फैसला किया है।

भगवंत मान ने कहा- भाजपा के आपरेशन लोटस में कांग्रेस का भी साथ
मुख्यमंत्री भगवंत ने कहा की 27 सितंबर को सेशन बुलाया जा रहा है। कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। मान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस भाजपा का आपरेशन लोटस में साथ दे रही है। उन्‍होंने पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की भी बात कही। भगवंत मान ने कहा कि हम किसी तरह के गैर लोकतांत्रिक हरकतों से नहीं डरेंगे। पंजाब विधानसभा का सत्र बुलाकर पूरे देश को संदेश देंगे कि लोकतंत्र लोगों का है किसी एक व्यक्ति का नहीं।

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से फैसला किया गया कि 27 सितंबर को विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा। इस सत्र में बिजली, पराली जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। भगवंत मान ने कहा कि राज्यपाल ने विधानसभा के विशेष सत्र को मंजूरी देने के बाद उसे रद किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, ताकि लोगों के हकों की लड़ाई लड़ी जा सके।

कहा- लोकतंत्र में लोग बड़े होते हैं
भगवंत मान ने कहा कि लोकतंत्र में लोग बड़े होते हैं। सारे घटनाक्रम में आश्चर्यजनक बात यह रही कि पंजाब में कांग्रेस पार्टी आपरेशन लोटस में भाजपा के साथ खड़ी नजर आई। अकाली दल, भाजपा व कांग्रेस इसके पक्ष में नजर आए। आपरेशन लोटस से खुद कांग्रेस पीड़ित है। कई राज्यों में उनके विधायक टूटकर जा चुके हैं। इससे लगता है कि अंदरखाते दोनों पार्टियां मिलकर काम कर रही हैं। मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी आंदोलन से निकली हुई पार्टी है। हमारे विधायक बिकने वाले नहीं हैं।

आप विधायकों और चंडीगढ़ पुलिस के बीच हुई नोंकझोंक
इससे पहले आप विधायाकों की  बैठक पंंजाब विधानसभा भवन में हुई। बैठक के बाद आप विधायकों ने राज्‍यपाल के निर्णय के विरोध में राजभवन की ओर कूच किया। आप विधायकों ने इसे  शांति मार्च का नाम दिया है। पुलिस ने बेरीकेड लगाकर शांति मार्च निकाल रहे विधायकों को राजभवन से पहले रोक दिया गया है। चंडीगढ़ पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद आप विधायकों ने वहीं पर धरना लगा दिया है। विधायक दरियां बिछा कर बैठ गए हैं।

आप के विधायकों ने कहा कि भाजपा हमें रोकने का हर प्रयास करेगी। विधायक गुरदित सिंह ने कहा कि राज्यपाल को पंजाब के हितों पर काम करना चाहिए। नाभा के विधायक देव मान ने कहा कि भाजपा के मुंह को सत्‍ता का खून लग गया है।  पहले सूत्रों ने कहा था कि पंजाब की भगवंत मान सरकार अगले हफ्ते विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की तैयारी में है। इस बारे में आप विधायकों की बैठक और कैबिनेट की बैठक के बाद फैसला हो गया और 27 सितंबर को पंजाब विधानसभा की विशेष बैठक बुलाने का फैसला किया गया।  इस बार सत्र बुलाने का कोई कारण नहीं बताया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि सरकार इस बार विश्वास प्रस्ताव नहीं लाएगी।

आम आदमी पार्टी की ओर से राज्यपाल द्वारा विधानसभा का सत्र रद्द करने के खिलाफ विधायक दल की मीटिंग बुलाई गई है। इसमें शामिल होने के लिए विधायक संबह से ही पहुंचने शुरू हो गए थे। यह बैठक विधानसभा के पंजाबी रीजनल हाल में हो रही है। उधर, पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने माना है कि पंजाब विधानसभा की नियमावली में सरकार द्वारा विश्वास प्रस्ताव लाने का नियम शामिल नहीं है। लेकिन,  जहां पर हमारे साइलेंट हैं वहां सभी राज्य की विधानसभाएं लोकसभा के नियमों को फॉलो करती हैं। कृषि मंत्री कुलदीप धालीवाल ने राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की ओर से विधानसभा के सत्र को रद करने की करवाई को निंदनीय बताया है।

बता दें कि भगवंत मान सरकार ने 22 सितंबर को पंजाब विधानसभा का विशेष बुलाया था और इसमें विश्‍वास मत हासिल करने की बात कही थी। 20 सितंबर को राज्‍यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने इसकी अनुमति भी दे दी थी। इस पर  विपक्षी नेताओं ने इस पर सवाल उठाते हुए राज्‍यपाल को पत्र लिखे।    इसके बाद 21 सितंबर को शाम में राज्‍यपाल की ओर से पत्र जारी कर कहा गया कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की दी गई मंजूरी वापस ली जाती है। इसका कारण नियम बताया गया। कहा गया कि विधानसभा की नियमावली में सरकार द्वारा विश्‍वास मत के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का प्रविधान नहीं है। 

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