नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने 21 मई को होने वाली NEET-PG 2022 को स्थगित करने की याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस समय पर परीक्षा का स्थगन केवल अराजकता और अनिश्चितता पैदा करेगा. इससे पेशेंट केयर भी प्रभावित होगी और तैयारी करने वाले 2 लाख से अधिक छात्रों के लिए गलत होगा.
कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा, एडमिशन में किसी भी तरह की देरी से मरीजों की देखभाल और अस्पतालों में काम प्रभावित होता है. परीक्षा स्थगित करने के अनुरोध पर विचार किया गया है. विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया गया है कि हम इस समय परीक्षा स्थगित करके पेशेंट केयर को प्रभावित नहीं होने दे सकते.
कोर्ट ने आगे कहा, "राज्य संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है. बड़ी संख्या में ऐसे डॉक्टर हैं जिन्होंने 2022 की परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. 2 लाख 6000 से अधिक डॉक्टरों ने रजिस्ट्रेशन कराया है जो पिछले 2 वर्षों में परीक्षा में बैठने वाले डॉक्टरों की संख्या से बहुत अधिक है. एग्जाम में देरी अन्य क्षेत्रों जैसे सुपर स्पेशियलिटी एडमिशन को भी प्रभावित करेगी."
अदालत ने यह भी कहा कि इस वर्ष हमारे पास पिछले 2 वर्षों में हुई परीक्षा में देरी का कारण यानी कोरोनावायरस की चिंता नहीं है. अब परीक्षा में देरी का व्यापक प्रभाव पड़ेगा. इससे सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा आदि के लिए इंटर्नशिप की अंतिम तिथि भी प्रभावित होगी.