टीएचआर संयंत्रों के संचालन से लाखों समूहों को मिलेगा लाभ : पंचायत मंत्री सिसोदिया

0
121

भोपाल
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने काहा कि प्रदेश सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिये एक बार फिर से बड़ा कदम उठाते हुये पोषण आहार संयत्रों का संचालन एम.पी.एग्रो से वापस लेते हुये आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघों को दे दिया है। यह अहम फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया गया। सरकार के इस फैसले से प्रदेश में पोषण आहार तैयार कर प्रदायगी से होने वाले मुनाफे से प्रदेश के लाखों समूह सदस्य लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भोपाल में 16 सितम्बर को स्व–सहायता समूह संवाद कार्यक्रम में महिलाओं को यह पोषण आहार संयंत्र सौपे जाने का आश्वाशन दिया गया था।

        आजीविका के अवसरों में वृद्धि के लिए ऐतिहासिक निर्णय

एकीकृत बाल विकास योजनांतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों में 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती, धात्री माताओं एवं किशोरी बालिका योजनांतर्गत किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन (टीएचआर) प्रदाय करने का कार्य एम.पी.एग्रो द्वारा किया जा रहा था। प्रदेश में देवास, धार, होशंगाबाद, मंडला, सागर, रीवा एवं शिवपुरी में टीएचआर संयंत्र स्थापित किए जाकर वर्ष 2018-19 में यह कार्य स्व-सहायता समूहों को दिया गया था। जिनके द्वारा भोपाल संभाग को छोड़कर प्रदेश के शेष जिलों में टीएचआर प्रदायगी का कार्य किया गया। जनवरी, 2020 में तत्कालीन सरकार द्वारा टीएचआर संयंत्रों के संचालन का कार्य पुन: एम.पी.एग्रो को सौंप दिया गया था अब प्रदेश सरकार ने पोषण आहार संयंत्र संचालन का कार्य फिर से महिला स्व-सहायता समूहों को देकर ऐतिहासिक निर्णय लिया है। सरकार की इस पहल से प्रदेश के लाखों स्व-सहायता समूहों को भविष्य में लाभ मिलेगा साथ ही इतने बडे व्यवसाय को चलाने का अवसर भी मिला है।

        महिलाओं को मिला बडी गतिविधियों के संचालन का अवसर

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि विभाग के अंतर्गत मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा प्रदेश के लगभग 45 हजार ग्रामों में प्रवेश करते हुए लगभग 3 लाख 33 हजार स्व-सहायता समूहों का गठन कर लगभग 38 लाख ग्रामीण निर्धन परिवारों की आजीविका को सुदृढ करते हुए आजीविका के अनेक अवसर उपलब्ध कराने के लिए मार्गदर्शन एवं वित्तीय सहयोग किया जा रहा है। इसी क्रम में सरकार द्वारा समय-समय पर महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं।

समूहों के परिसंघ यथा ग्राम संगठन, संकुल स्तरीय संगठनों के माध्यम से सामूहिक उद्यमों का संचालन किया जा रहा है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश राज्य आजीविका मिशन अंतर्गत गठित महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघों द्वारा पोषण आहार संयंत्रों का संचालन, प्रबंधन, उत्पादन, प्रदायगी एवं वित्तीय नियंत्रण का कार्य कराए जाने का निर्णय लिया गया है।

स्व-सहायता समूहों को मिलेगा 95 प्रतिशत लाभांश

सिसोदिया ने कहा कि संयंत्रों के संचालन से प्राप्त होने वाले लाभांश में से 5 प्रतिशत का उपयोग संयंत्रों के संधारण के लिए सुरक्षित रखते हुए शेष 95 प्रतिशत लाभांश स्व–सहायता समूहों को प्राप्त होगा। वर्तमान में इन संयंत्रों में प्रतिमाह अनुमानित 50 से 60 करोड़ रूपये का पोषण आहार तैयार होता है। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा काम समूहों को सौंपे जाने से सरकार की महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में अनूठी योजनाएँ लागू की जा रही हैं, ताकि प्रदेश को देश में अग्रणी राज्य बनाया जा सके।

इस अवसर पर मध्यप्रदेश राज्य आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एल.एम.बेलवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here