यमुना एक्सप्रेसवे को ई-वाहन कॉरिडोर बनाने की योजना

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ग्रेटर नोएडा
यमुना एक्सप्रेसवे को इलेक्ट्रिक व्हीकल कॉरिडोर बनाने की तैयारी है। इस एक्सप्रेसवे पर चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्जिंग की दिक्कत नहीं होगी। उन्हें सारी सुविधाएं मिलेंगी। केंद्र सरकार की इस परियोजना की दिसंबर में शुरुआत हो सकती है। इसके लिए कवायद तेजी से चल रही है। ग्रेटर नोएडा से आगरा तक यमुना एक्सप्रेसवे 165 किलोमीटर लंबा है। इस एक्सप्रेसवे पर हल्के वाहनों की गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है। इससे अधिक गति से चलाने वाले चालकों का चालान किया जाता है। अब एक्सप्रेसवे को इलेक्ट्रिकल वाहन कॉरिडोर बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस एक्सप्रेसवे पर चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्जिंग की किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। ग्रेटर नोएडा से आगरा तक सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। केंद्र सरकार की इस परियोजना की शुरुआत दिसंबर में होने की उम्मीद है।

ग्रेटर नोएडा में 100 चार्जिंग स्टेशन बनेंगे
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण शहर में 100 इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन बनाएगा। पहला चार्जिंग स्टेशन अल्फा कॉमर्शियल बेल्ट में बनाने के लिए तैयारी पूरी हो गई है। इसके लिए प्राधिकरण ने कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल की सब्सिडरी कंपनी) के साथ करार कर लिया है। ये स्टेशन ग्रेटर नोएडा के बाजारों, चौराहों, मॉल, प्रमुख मार्गों, सरकारी दफ्तरों के आसपास बनाए जाएंगे।

इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा
केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक, देश में 69,000 पेट्रोल पंपों पर इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार यह कदम उठा रही है ताकि लोग अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन खरीद सकें। इसके अलावा सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी भी दे रही है।

एक्सप्रेसवे पर हुआ था ट्रायल
पिछले साल 25 मई को दिल्ली के इंडिया गेट से आगरा तक बैट्री से चलने वाले वाहनों के ट्रायल रन को हरी झंडी दिखाई गई थी। ट्रायल रन का उद्देश्य यमुना एक्सप्रेसवे पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़क के किनारे सहायता और सेवा पर ध्यान केंद्रित करना था। ट्रायल रन में भाग लेने वाली कंपनी के इलेक्ट्रिक व्हीकल एक बार चार्ज करने पर 340 किलोमीटर चले थे।

 

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