राजस्थान में भाजपा नेताओं के बयानों ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता

0
88

जयपुर
महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच राजस्थान में सियासी हलचल बढ़ी है। पिछले कुछ दिनों में प्रदेश के भाजपा नेताओं की बयानबाजी से प्रदेश के सत्ता और संगठन में विधायकों की पूछ बढ़ी है। विधायकों की सलाह पर सरकारी कर्मचारियों के तबादले और विकास कार्य किए जा रहे हैं। संगठन में पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए विधायकों से उनके समर्थकों के नाम मांगे गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा विधायकों के संपर्क में है। शुक्रवार को सीएम ने कई विधायकों से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, मंत्रियों और अधिकारियों को विधायकों की सिफारिश को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं।

इन बयानों ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता
राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने पिछले दो महीनों में तीन बार मीडिया और भाजपा के कार्यक्रमों में गहलोत सरकार के शीघ्र गिरने की बात कही है। कटारिया ने कहा कि सरकार की स्थिति बहुत खराब है। विधायक नाराज हैं। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने दो दिन पहले एक कार्यक्रम में कहा कि कांग्रेस में चल रहा अंदरूनी संघर्ष मध्यावधि चुनाव की ओर लेकर जाएगा। मंत्रियों और विधायकों में आपसी बातचीत के संबंध नहीं है। लगातार विधायक अपनी ही पार्टी के विधायक मंत्रियों पर आरोप लगा रहे हैं। उससे लगता है कि कांग्रेस का अंदरूनी कलह मध्यावधि चुनाव का संकेत देता है। 20 जून को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक सभा में कहा था कि सचिन पायलट में थोड़ी खामी रह गई थी। अगर ठीक हो जाता तो अब तक ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना का काम चालू हो जाता। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने चार दिन पहले कहा था कि गहलोत सरकार कुछ ही दिन की मेहमान है। गौरतलब है कि राजस्थान में सियासी संकट के चलते पिछले साल काफी समय तक गहलोत सरकार मुश्किल में रही थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here