भाजपा नेता शांता कुमार की कैप्टन अमरिंदर को कांग्रेस न छोड़ने की सलाह, दी यह काम करने की नसीहत

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धर्मशाला  
देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कही जाने वाली कांग्रेस की मौजूदा हालत पर अब दूसरे दलों के नेता भी चिंता जताने लगे हैं। हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम शांता कुमार ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में फिर से प्रासंगिक बनने के लिए कांग्रेस को गांधी परिवार की छत्रछाया से बाहर आना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कैप्टन अमरिंदर को कांग्रेस न छोड़ने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस को राजनीतिक परिदृश्य से हटा दिया जाता है तो भारत का लोकतंत्र राष्ट्रीय विपक्ष के बिना रह जाएगा। कुमार ने धर्मशाला में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस ही भाजपा के बाद एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है।

ऐसे में यदि वह कमजोर होती है तो फिर राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति विपक्षहीन रह जाएगी। उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र का रथ दो पहियों पर चलता है। एक सत्ता पक्ष और दूसरा विपक्ष।' उन्होंने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी, जो कभी नेहरू, गांधी और पटेल के नेतृत्व में थी, हाल में एक ''मजाक'' बनकर रह गई है। कुमार ने सक्षम नेतृत्व प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की, लेकिन देश में एक मजबूत विपक्ष के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, 'अटल जी (अटल बिहारी वाजपेयी) कहा करते थे कि हमें हमेशा पार्टियों की छोटी दीवारों में नहीं रहना चाहिए- इसलिए मैं यह देश के मंदिर में खड़े होकर कह रहा हूं।' 

अटल और आडवाणी के साथ लंबे अरसे तक राजनीति कर चुके 87 वर्षीय शांता कुमार ने कहा कि कांग्रेस के लिए एकमात्र इलाज गांधी परिवार की 'गुलामी' से बाहर आना है। उन्होंने कहा कि पार्टी (कांग्रेस) में एक से अधिक राष्ट्रीय नेता हैं। उन्होंने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से कांग्रेस नहीं छोड़ने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने कैप्टन को गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और शशि थरूर जैसे जी-23 नेताओं के साथ बैठकर पार्टी में 'आजादी के लिए लड़ने' और एक परिवार की 'गुलामी' से बाहर निकलने का आग्रह किया। ' जी-23' कांग्रेस के उन नेताओं का एक समूह है, जिन्होंने पिछले साल सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी। 

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