नई दिल्ली
कोरोना की रफ्तार भले कम हो गई है, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह से लोगों के आर्थिक हालात जिस तरह से बिगड़े उसे ठीक होने में वक्त लगेगा। कोरोना का असर हर सेक्टर पर हुआ। मैन्युफैक्चरिंग, सेल्स, टूर एंड ट्रैवल, एविएशन, ऑटोमोबाइल। हर सेक्टर पर इसका असर देखने को मिला। इसी का असर है कि लोगों ने वाहनों की खरीदारी भी कम की। आंकड़ों के मुताबिक सितंबर महीने में वाहनों की बिक्री में 5.27 फीसदी की कमी आई। वहीं अगर कोरोना संकट से पहले यानी सितंबर 2019 से इसकी तुलना करें तो वहनों की बिक्री 13.5 फीसदी तक कम हो गई है।
कम बिकी गाड़ियां ताजा आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में वाहनों के सेल्स में 5.27 फीसदी की गिरावट आई है। ऑटोमोबाइल्स डीलर एसोसिएशन के मुताबिक सितंबर 2021 में तीन पहिया गड़ियों की बिक्री बढ़ी, जबकि पर्सनल गाड़ियों की सेल्स में 16 फीसदी की तेजी आई है। जहां सितंबर में तीन पहिया वाहनों की सेल्स में 51 फीसदी की तेजी आई तो वहीं टू व्हीलर्स गाड़ियों की ब्रिकी में 12 फीसदी की कमी हुई। वहीं कमर्शियल व्हीकल की बिक्री में 45 फीसदी की तेजी आई है।
अगर कोरोना दौर से पहले से वाहनों की बिक्री के आंकड़ों की तुलना करें तो ओवरऑल खुदरा वाहन बिक्री में 29 फ़ीसदी की गिरावट आई है। इस दौरान सिर्फ टैक्टर को छोड़कर बाकी सभी वाहनों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई। आपको बता दें कि वाहनों की बिक्री में आई गिरावट के कारण कई बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों ने अपनी यूनिट्स बंद कर दिए है। हाल ही में अमेरिकी कार निर्माता कंपनी फोर्ड( Ford India) ने भारत में अपनी कारों के निर्माण को बंद करने का फैसला किया है। कंपनी ने भारत में अपनी दो मैन्चुफैक्चरिंग यूनिट को बंद करने का फैसला किया है।