भोपाल/वाराणसी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि काशी में बाबा विश्वनाथ कारिडोर का निर्माण राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का प्रतीक है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि सुदीर्घ रजनी समाप्त होती सी जान पड़ती है। महानिशा का अंत निकट है। जो अंधे हैं वे देख नहीं सकते, जो बहरे हैं वे सुन नहीं सकते। भारत माता फिर आँखें खोल रही हैं और विश्वगुरु पथ पर अग्रसर हैं। यह एक नरेंद्र (स्वामी विवेकानंद) ने कहा था और दूसरे नरेंद्र (नरेंद्र मोदी) ने करके दिखा दिया।
वैभवशली, समृद्धशाली राष्ट्र निर्माण की ओर भारत अग्रसर है। प्रधानमंत्री मोदी इसके लिए सतत प्रयत्नशील हैं। उन्होंने विकास और देश की लीडरशिप को एक नई दिशा दी है। चौहान ने बनारस से अयोध्या रवाना होने से पहले कहा कि काशी अध्यात्मिक ऊर्जा का स्त्रोत है। यहां तीन दिन तक अध्यात्मिक सुख का आनंद लिया। आज बाबा विश्वनाथ के दर्शन के साथ काशी के कोतवाल और संकटमोचन हनुमान के दर्शन किए हैं। अब नई ऊर्जा के साथ अयोध्या में भगवान के दर्शन होंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तीन दिन तक सपरिवार काशी में रुकने के बाद आज शाम को अयोध्या होकर भोपाल लौटेंगे। चौहान ने इसके पहले काशी में मंत्रोच्चार के बीच नवलश्री पौधे का रोपण किया। वहां उन्होंने हनुमान जी की पूजा भी आम श्रद्धालुओं की तरह की।