बिशप पीसी सिंह के साथियों ने पचमढ़ी में किया था 300 करोड़ रुपये से अधिक का फर्जीवाड़ा

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जबलपुर
 बिशप पद से हटाए गए पीसी सिंह व उसकी गैंग ने पचमढ़ी में तीन सौ करोड़ से अधिक का फर्जीवाड़ा किया था। पीसी सिंह ने अपने मुख्य राजदार सुरेश जैकब, रचना सिंह, संजय सिंह व बीके सिंह के साथ फर्जीवाड़े को अंजाम दिया था। मामला नागपुर डायसिसन ट्रस्ट एसोसिएशन (एनडीटीए) से जुड़ा है। नितिन लारेंस ने पीसी सिंह व उसके गुर्गों के खिलाफ आरोप लगाया है कि एनडीटीए की पचमढ़ी मध्य प्रदेश के क्राइस्ट चर्च एरिया में स्थित एक लाख पांच हजार 837 वर्गफीट जमीन खुर्द-बुर्द किया था, जिसमें करीब तीन सौ करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई थी। नागपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। सैकड़ों करोड़ के इस फर्जीवाड़े में पूर्व बिशप पीसी सिंह, सुरेश जैकब, रचना सिंग, व संजय सिंह मुख्य चेहरे हैं। लारेंस ने बताया कि नागपुर की सदर थाना पुलिस की टीम पूर्व में कई बार जबलपुर पहुंची थी परंतु पीसी सिंह व उसके गुर्गों के कारनामे उजागर किए बगैर लौट गई। लारेंस ने पीसी सिंह पर देशद्रोही गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगाए हैं।

 

पीसी सिंह ही नहीं गुर्गों के पास भी अकूत संपत्ति-

लारेंस ने कहा कि पीसी सिंह ही नहीं बल्कि उसके गुर्गों संजय सिंह, रचना सिंह, सुरेश जैकब, पिंटू तिवारी व डेनिश लाल के पास भी अकूत संपत्ति है। पीसी सिंह, उसके परिवार के सदस्यों व गुर्गों ने सरकार को टैक्स का चूना लगाया है। पीसी सिंह और उसके गुर्गे गैरकानूनी कार्यों को अंजाम देते थे। उससे होने वाले मुनाफा आपस में बांट लेते थे। इसलिए ईअोडब्ल्यू द्वारा अब तक सिर्फ पीसी सिंह के खिलाफ की गई कार्रवाई समझ से परे है। पीसी सिंह समेत उसके गुर्गों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी तमाम चल अचल संपत्ति व कर अपवंचन का पता लगाया जाना चाहिए।

नागपुर में थी छिपने की साजिश-

ईओडब्ल्यू ने पीसी सिंह को नागपुर में पकड़ा था। जर्मनी से लौटने के बाद वह नागपुर में फरारी काटने की फिराक में था। जिसके लिए रचना सिंह ने पूरी तैयारी कर रखी थी। रचना सिंह नागपुर में है तथा उसने वहां एनडीटीए द्वारा संचालित स्कूलों में फीस में करीब 15 करोड़ रुपये का गबन किया था। आडिट रिपोर्ट में भी गबन का खुलासा किया गया है। नितिन लारेंस ने कहा कि पीसी सिंह शैक्षणिक संस्थाओं पर दबाव बनाकर फीस की राशि में हेरफेर करता था। गुर्गों के सहयोग से इस कार्य को अंजाम देता था। यदि किसी स्कूल के प्राचार्य ने फीस की राशि में हेरफेर करने पर आपत्ति की तो उसे पद से हटा दिया जाता था। पीसी सिंह भले ही जेल में है लेकिन स्वतंत्र घूम रहे उसके गुर्गे संजय सिंह, रचना सिंह, सुरेश जैकब, पिंटू तिवारी, डेनिश लाल उससे जुड़े कई महत्वपूर्ण साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें खुर्द-बुर्द करने में व्यस्त हैं। ताकि उनके व पीसी सिंह से जुड़े अन्य अपराधों का भंडाफोड़ न हो सके।

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