ग्वालियर जिले में ओलावृष्टि से 30 करोड़ की की फसलें बर्बाद

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ग्वालियर
प्रदेश के कई जिलों सहित ग्वालियर (Gwalior News) जिले में  हुई ओलावृष्टि (hailstorm) एवं बेमौसम बरसात ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। खेतों में लहलहाती फसलों को देखकर अब तक खुश किसानों के चेहरे पर अब चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। हालांकि सीएम शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर जिला प्रशासन ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है और किसानों को नियमानुसार मुआवजा देने का भरोसा दिलाया है।

 

बारिश और ओलावृष्टि ने ग्वालियर जिले के 74 गांवों की 9800 हैक्टेयर रकबे में लगी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है।  सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) के निर्देश के बाद कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने राजस्व अधिकारियों के दलों को ओलावृष्टि से प्रभावित गांवों में भेजकर प्रारंभिक सर्वे का काम शुरू करा दिया है। कलेक्टर ने खुद डबरा तहसील के सिमिरिया ताल व घाटीगांव के पाटई सहित अन्य गांवों में पहुंचकर फसलों को हुए नुकसान को देखा और ग्रामीणों से बात की। अपर कलेक्टर एचबी शर्मा सहित जिला प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी प्रभावित गांवों में पहुंचे।

ग्वालियर जिले के राजस्व अधिकारियों का सर्वे दल प्रारंभिक आंकलन के लिए  प्रभावित गांवों में पहुंचा। जिला प्रशासन द्वारा कराए गए प्रारंभिक आंकलन के अनुसार ओलावृष्टि से जिले के डबरा, भितरवार व घाटीगांव क्षेत्र के 74 गांवों में करीबन 9 हजार 800 हैक्टेयर रकबे की फसल को नुकसान हुआ है। लगभग 30 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। घाटीगांव जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत 20 गांवों के लगभग 2 हजार 800 हैक्टेयर क्षेत्र की फसल ओलावृष्टि से प्रभावित हुई है, जिसकी अनुमानित फसल हानि लगभग 8 करोड़ 36 लाख रुपये आंकी गई है। इसी तरह डबरा क्षेत्र के 39 गांवों की लगभग 4 हजार हैक्टेयर में लगभग 12 करोड़ रुपये की फसल हानि और भितरवार क्षेत्र के 15 गांवों की करीबन 3 हजार हैक्टेयर रकबे में लगभग 9 करोड़ रुपये के नुकसान का आंकलन प्रारंभिक सर्वे में सामने आया है।

कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने डबरा तहसील के सिमिरिया ताल व घाटीगांव के पाटई सहित अन्य दूरस्थ गांवों में फसलों को हुई क्षति का जायजा लेने के दौरान किसानों से मिलकर भरोसा दिलाया कि ओलावृष्टि से प्रभावित फसल का जल्द से जल्द सर्वे कराकर आरबीसी 6 – 4 (राजस्व पुस्तक परिपत्र) के प्रावधानों के तहत राहत राशि मुहैया कराई जायेगी। साथ ही पात्र किसानों को फसल बीमा राशि का भुगतान भी कराया जायेगा।

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