खाद्य विभाग: गरीबों के राशन की रियल टाइम ट्रैकिंग, रुकेगा भ्रष्टाचार

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भोपाल
मध्यप्रदेश में गरीबों के राशन का सिस्टम और सुधरने वाला है। राज्य सरकार अब राशन प्रदाय केन्द्र से लेकर गोदाम, दुकान और राशन का परिवहन करने वाले वाहनों की रियल टाइम ट्रेकिंग का सिस्टम श्ुारु करने जा रहा है। इसके लिए भोपाल में ऐसा सिस्टम तैयार किया जाएगा जिससे गरीाबों के राशन में किसी भी स्तर पर होने वाला भ्रष्टाचार रोका जा सके और राशन उसके वास्तविक हकदार गरीबों तक सहीं तरीके से पहुंच सके।

 प्रदेश में खाद्यान्न वितरण के 336 केन्द्र है और 25 हजार एक सौ से अधिक राशन की दुकानें हैं। सरकार से लेकर अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक दो जून की रोटी मुहैया कराने  शहर से गांव तक फैला यह सिस्टम बार-बार ब्रेक होता रहा है। कई बार शिकायतें सामने आती है कि गरीबों का राशन व्यापारियों को बेच दिया गया। कई बार खराब राशन और मिलावटी राशन वितरण की शिकायतें सामने आती है। दुकानदार, सरकारी अमले और व्यापारियों की साठ-गांठ से गरीबों के राशन में भ्रष्टाचार हो रहा है। खाद्य विभाग ने अब इस सिस्टम को सुधारने की कवायद शुरू कर दी है।

गरीबों के राशन वितरण के लिए शुरुआत से अंत तक पूरे सिस्टम को ट्रेक करने का सिस्टम बनाया जा रहा है। इसके लिए वाहनों, दुकानों और प्रदाय केन्द्रों को जीपीएस ट्रेकिंग से जोड़ा जाएगा। भोपाल में खाद्य संचालनालय से इस पूरे सिस्टम पर नजर रखी जा सकेगी। सभी दुकानों को कम्प्यूटर और जीपीएस से लैस किया जाएगा। प्रदाय केन्द्रों पर कितना राशन आया। वहां से कब कितना राशन कहां भेजा गया इसकी कम्प्यूटर पर रियल टाइम फीडिंग होगी जिसे भोपाल में बैठकर सीएम, मंत्री, प्रमुख सचिव से लेकर संचालक और नान के एमडी तक कभी भी चेक कर सकेंगे। प्रदाय केन्द्रों से कौन सा वाहन कितना माल लेकर चला और कब वह राशन दुकान पर पहुंचा। इसमें कितना समय लगना था और कितना समय लगा। पूरा राशन सही ंजगह पहुंचा या नहीं, वाहन बीच में ट्रेक से अलग तो नहीं गया। कहीं ज्यादा देर तो नहीं रुका यह सब रियल टाईम देखा जा सकेगा। इसी तरह राशन की दुकान पर आने वाले स्टाक और हितग्राहियों को बंटने वाले राशन की भी रोजाना रियल टाईम मानीटरिंग हो सकेगी। पीओएस मशीनों और कम्प्यूटर मशीनों को जोड़कर इसे संभव किया जाएगा।

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