ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह नहीं रहे, भोपाल में होगा अंतिम संस्कार,प्रशासन तैयारियां की शुरू

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भोपाल
 कुन्नूर हेलिकाप्टर हादसे में गंभीर रूप से घायल भोपाल के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बुधवार को निधन हो गया। उनका अंतिम संस्‍कार भोपाल में किया जाएगा। ग्रुप कैप्टन के पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह एवं परिवार यहां इन्नर कोर्ट कॉलोनी में निवास करता है। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का शव भोपाल लाया जा रहा है। उनके अंतिम संस्‍कार के लिए स्वजन कन्हौली गांव से भोपाल के लिए रवाना हो गए है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक कैप्‍टन वरुण सिंह की पार्थिव देह आज गुरुवार शाम वायुसेना के विशेष विमान से भोपाल एयरपोर्ट पहुंचेगा। शुक्रवार को उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। जिला प्रशासन इसकी तैयारियां शुरू कर दी है।

कैप्‍टन के निधन से भोपाल में भी शोक की लहर है। बुधवार को उनके निधन की खबर मिलते ही इन्‍नर कोर्ट कालोनी में शोक की लहर छा गई। इन्नर कोर्ट कालोनी रहवासी समिति के अध्यक्ष डीएस गुरुदत्त के अनुसार अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि ग्रुप कैप्टन वरुण अब हमारे बीच नहीं रहे।

CDS जनरल बिपिन रावत के साथ हेलिकॉप्टर हादसे में घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह नहीं रहे। 7 दिन बाद उनका निधन हो गया। उनके पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह भोपाल के एयरपोर्ट रोड स्थित सन सिटी कॉलोनी में रहते हैं, जो हादसे के तुरंत बाद ही मुंबई रवाना हो गए थे। हादसे के बाद उन्होंने कहा था- मेरा बेटा बहादुर है। वह जीत कर बाहर आएगा, लेकिन बुधवार को वरुण सिंह के निधन की दुखद खबर सामने आई। इससे भोपाल में भी शोक की लहर छा गई। रहवासी संघ को सूचना मिली है कि वरुण सिंह का अंतिम संस्कार भोपाल में होगा।

वरुण सिंह के लिए देश के साथ भोपाल के लोग भी प्रार्थना कर रहे थे, लेकिन उनके निधन की खबर मिलते ही शोक छा गया। सन सिटी कॉलोनी के लोग भी इस बात पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि वरुण सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं। सन सिटी स्थित उनके घर के बाहर पड़ोसियों की भीड़ लग गई। हालांकि, वरुण सिंह के परिवार को कोई भी सदस्य अभी यहां नहीं है और घर में ताला लगा है।

पड़ोसी बोले- छुटि्टयों को भी देश के लिए समर्पित करते थे वरुण

पड़ोसी अनिल मूलचंदानी ने बताया, वरुण सिंह को जब भी छुट्‌टी मिलती थी, वे भोपाल आते थे। भोपाल शहर उन्हें काफी पसंद था। कॉलोनी में जब टहलते थे तब बच्चों से लेकर बड़ों तक से बात करते थे। वे बच्चों को योद्धाओं की कहानियां बताते थे। बच्चे फिर हमें बताते थे। वरुण सिंह हमेशा बच्चों में साहस भरते थे। वे छुटि्टयों के दिनों को भी देश के लिए समर्पित करते थे। लड़कियों को प्रोत्साहित करते थे। वे कहते थे कि लड़कियां किसी से कम नहीं है।

 

2 माह पहले आए थे भोपाल, अब उनकी यादें ही शेष

कालोनी के रहवासियों के अनुसार करीब 2 माह पहले कैप्टन वरुण कालोनी में अपने पिता के घर पर आए थे। उस वक्‍त कालोनीवासियों ने उनका सम्मान किया था। वरुण को अदम्य साहस के लिए15 अगस्त को ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य सम्मान प्रदान किया था। इसी उपलक्ष में उनका कालोनी में सम्मान किया गया था। वरुण का पूरा परिवार देश भक्त है। उनके पिता कर्नल केपी सिंह ने भी लंबे समय तक सेना में सेवाएं दी है। उनके निधन की खबर से सभी दुखी हैं।

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