मध्य प्रदेश में दो लड़कियों के घरवालों का आरोप, वैक्सीनेशन के बाद हुई मौत; जांच जारी

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उज्जैन।
मध्य प्रदेश के उज्जैन और खरगोन में दो अलग-अलग मामलों में 16 वर्षीय लड़कियों के परिवारवालों ने आरोप लगाया है कि कोरोना की वैक्सीन लगने के बाद उनकी मौत हो गई है। प्रशासन दोनों मौतों की जांच कर रहा है और उनके विसरा को लैब टेस्ट के लिए भेज दिया है। दोनों ही मामलों में, टीकाकरण के 24 घंटे से अधिक समय के बाद मौतें हुई हैं।

राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ संतोष शुक्ला ने अंग्रेजी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, 'कोरोना वैक्सीन के मामले में वैक्सीनेशन के बाद 30 मिनट से लेकर 6 घंटे के बीच रिएक्शन हो सकता है। इस बात का कोई चांस नहीं है कि वैक्सीनेशन के 48 घंटे के बाद किसी की मौत हो जाए, जैसा कि उज्जैन की लड़की के केस में हुआ है।' उन्होंने कहा कि 90% एईएफआई (Adverse Events Following Immunization) केसों में 30 मिनट में लक्षण दिखना शुरू हो जाते हैं। डॉ शुक्ला ने कहा कि ऑटोप्सी रिपोर्ट और मेडिकल रिकॉर्ड की जांच से पता चलेगा कि लड़की को क्या हुआ था।

लैब भेजे गए सैंपल्स
उज्जैन की लड़की के माता-पिता का कहना है कि उसने पांच जनवरी को बिसन खेड़ा गांव के स्कूल में ऐंटी कोरोना वैक्सीन लगवाई थी। एक दिन बाद वह सड़क पर बेहोश हो गई और उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे उज्जैन रेफर कर दिया गया और इलाज के दौरान रात में उसकी मौत हो गई। उज्जैन के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय शर्मा ने बताया कि लड़की के परिवारवालों के आरोपों के बाद ऑटोप्सी के लिए एक मेडिकल पैनल का गठन किया गया था। शुक्रवार को उसका पोस्टमार्टम किया गया। उन्होंने कहा, 'मौत के कारणों का पता लगाने के लिए खून और विसरा सहित अन्य सैंपल्स अलग-अलग लैब्स में भेजे गए हैं। फिलहाल हम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।'

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