नई दिल्ली
आम आदमी की जेब पर डाका डाल रही महंगाई के सरकारी आंकड़े जारी हो गए हैं. अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) 7.79% के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई है. जबकि खाद्य मुद्रास्फीति की दर 8.38% रही. इससे पहले मार्च में खुदरा महंगाई 6.95 फीसदी रही थी, जो 17 महीने का हाई लेवल था.
RBI की लिमिट से पार महंगाई
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महंगाई की अपर लिमिट 6% तय की हुई है. महंगाई के लिए टोलरेंस बैंड 2-6 फीसदी रखा गया है. लेकिन अप्रैल का डेटा दिखाता है कि ये अब उससे काफी ऊपर जा चुकी है. ये लगातार चौथा महीना है जब महंगाई दर आरबीआई की तय लिमिट से ऊपर है.
इससे पहले फरवरी में भी खुदरा महंगाई दर 6.07% और जनवरी में 6.01% रही थी. कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित खुदरा महंगाई के आंकड़े सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने गुरुवार को जारी किए हैं.
खाने-पीने की चीजों के दाम बेकाबू
खाने-पीने की चीजों के दाम बेकाबू बने हुए हैं. अप्रैल के फूड बास्केट की महंगाई के आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं. अप्रैल में खाद्य महंगाई 8.38% पर रही है. जबकि मार्च 2022 में यह 7.68% थी और पिछले साल अप्रैल में 1.96% थी. खाने-पीने की महंगाई बढ़ाने में सबसे बड़ा हाथ खाद्य तेल की कीमतों में तेजी आना है. इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट भी महंगाई बढ़ने की अहम वजह है.
यूक्रेन संकट ने बढ़ाई महंगाई
यूक्रेन संकट शुरू होने से पहले रिजर्व बैंक को लग रहा था कि खुदरा महंगाई मार्च में अपने पीक पर रहेगी. अप्रैल से इसमें ढलान आने लगेगी और यह धीरे-धीरे घटकर 4 फीसदी पर आ जाएगी. बदले हालात में अब महंगाई के फिलहाल कम होने की कोई गुंजाइश नहीं है. महंगाई के और बढ़ जाने से रेपो रेट तेजी से बढ़ने का खतरा तेज हो गया है. इससे आम लोगों की जेब पर दोतरफा मार पड़ना तय है.