भोपाल
महालेखाकार ने राज्य के सभी सरकारी विभागों के अफसरों से ग्रांट इन एड के लिए वर्तमान में संचालित योजनाओं की सशर्त अनुदान की बजट लाइन्स और शर्त रहित अनुदान की बजट र्लान्स की जानकारी मांगी है। आयुक्त कोष एवं लेखा इसकी मदद से आईएफएमआईएस में आवश्यक प्रावधान करेगा। सरकारी विभागों ने ग्रांट इन एड में खर्च की गई विभिन्न राशियों का उपयोग कर उसके उपयोगिता प्रमाण-पत्र महालेखाकार को नहीं भेजे हैं। इससे यह पता नहीं चल पा रहा है कि राशि का उपयोग हुआ है या नहीं। विभागों की इस लापरवाही पर महालेखाकार ने नाराजगी जाहिर की है। संचालक बजट आईरिन सिंथिया ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि महालेखाकार ने ग्रांट इन एड के लंबित उपयोगिता प्रमाण-पत्रों की जानकारी मांगी है।
सभी विभागों से कहा है गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि विभागीय नियमों और योजना के दिशा निर्देशों के अंतर्गत ग्रांट इन एड के लिए अनुदान रहित और सशर्त अनुदान वाली योजनाओं की जानकारी का पूरा ब्यौरा देना है। ऐसी योजनाएं, जिनमें सशर्त अनुदान के लिए अभी तक काम करके उपयोगिता प्रमाण-पत्र नहीं दिए हैं तो इस आशय का प्रमाण-पत्र जारी किया जाए कि तत्कालीन वित्तीय वर्ष में योजना के अंतर्गत जारी ग्रांट इन एड शर्त रहित अनुदान थी, जिसके लिए उपयोगिता प्रमाण-पत्र की आवश्यकता नहीं है। विभाग द्वारा की गई कार्यवाही से प्रधान महालेखाकर ग्वालियर और वित्त विभाग को भी अवगत कराना है।