खरगोन: आदिवासी गांव में अजीबो-गरीब स्थिति, बिजली के तार नहीं मीटर लगे, बिल लगातार जारी

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भोपाल
खरगोन जिले के आदिवासी गांव नवलपुरा फालिया में बिजली कंपनी ने बिजली के मीटर तो लगा दिए हैं लेकिन कनेक्शन के लिए तार नहीं डाले। बिजली कंपनी का तर्क मीटर लगे हैं तो बिल तो आएंगे। इस गांव में आज तक बिजली नहीं पहुंची है और मीटर लगाने के बाद उनके घर बिना बिजली कनेक्शन के बिल भेजे जा रहे हैं।  खरगोन जिले में बड़वाह विधानसभा में आज भी लोग बिजली के लिए तरस रहे हैं। ये बात अलग है कि उनके घरों में बिजली के मीटर लगे हुए है जिनका हर महीने बिल भी आता हैं। बता दें की सनावद के पास ग्राम नवलपूरा फालिया में मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने सौभाग्य योजना के तहत बिजली के मीटर तो लगा दिए लेकिन मीटर लगने के कई साल बीतने के बाद भी अभी तक बिजली के तार नहीं बिछा पाई।

तहसील मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर बिजली कोसों दूर
केंद्र और राज्य सरकारें गांव और मंजरो टोलों तक बिजली पहुंचाने की बड़ी बड़ी बातें करती है लेकिन जमीनी हकीकत यह हैं कि आज़ादी के 75 साल बाद भी खरगोन के आदिवासी गांव नवलपूरा फालिया के रहवासी बिजली के लिए तरस रहे हैं।  नवलपूरा फालिया सनावद तहसील मुख्यालय से मात्र 5 किलोमीटर की दुरी पर बसा हैं। नवलपूरा फालिया में अधिकांश घरों में बिजली के मीटर तो लगे हैं लेकिन उनके आज तक बिजली नहीं आई। ग्रामवासियों का कहना हैं कि सौभाग्य योजना के तहत उनके यहाँ जब बिजली के मीटर लगे तो वह बहुत खुश हो गए लेकिन कई साल बाद भी अब तक इन मीटरों में बिजली नहीं आई लेकिन इन खली लगे मीटरों का बिल बिजली कंपनी हर महीने दे देती हैं।

बिजली कंपनी का खामयाजा भुगत रहे ग्रामीण
मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने सनावद मुख्यालय से मात्र 5 किलोमीटर दूरी पर बसे ग्राम पंचायत जूनापानी के आदिवासी गांव फालिया नवलपुरा में 40 मकान में बिजली देने के लिए मीटर लगा दिए हैं। 2018 में मध्यप्रदेश शासन की सौभाग्य योजना के तहत इनके घरों में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आधार कार्ड की प्रतिलिपि लेकर बिजली के मीटर तो लगा दिए हैं लेकिन ग्रिड से बिजली इन मीटरों में इसलिए नहीं पहुँच पाई क्योंकि तार लगाने वाली कंपनी अपना काम अधूरा छोड चली गई। तब से बिना तार के मीटर दिवार पर लटक रहे है ओर खाली मीटर का बिल प्रतिमाह ग्राम में एमपीईबी का कर्मचारी देकर जाता  है।   

बिना बिजली ही करंट मार रहे बिल
ग्राम की घरेलू महिला मनीषा बताती है कि हमारे गांव में बिजली आजादी से अभी तक नहीं पहुंची 4 साल पहले उम्मीद जागी थी के मीटर लग गया है बिजली  बिजली भी आएगी।  मगर बिजली तो नहीं आई अलबत्ता  बिल जरूर आए हैं।  ऊपर से बिना बिजली जलाए खाली बिजली के मीटर का पैसा भरने के लिए विद्युत विभाग वाले दबाव बनाते हैं। ग्राम के ही राईमल बारेला कहते हैं कि पिछले 40 सालों से मेरे गांव में बिजली नहीं है मीटर लगा दिए बिल आ रहा है।  मगर बिजली नहीं आ रही। हमारा गुजर-बसर रात के अंधेरे में चिमनी की रोशनी में ही होता है। सरपंच, मंत्री, विधायक यहां तक कि विद्युत वितरण कंपनी के बड़े अधिकारियों तक हमने हमारी फरियाद पहुंचाई परंतु मीटर लगाने के बाद बिना बिजली का करंट आए ही बिजली का बिल हमें झटके दे रहा है। इसी तरह गांव के  पुनाजी भैयालाल पाटल सिंह,सुंदर सिंह डेबू,भरतसिंह अनार सिंह मथुसिह मगनसिंह  कालूसिंह छगन के मकानो मे बिजली मीटर तो लगा है मगर बिजली के तार नही लगे।

बिजली कंपनी अफसरों का अजीबो गरीब तर्क
विद्युत वितरण कंपनी के कनिष्ठ अभियंता आनंद कुरवंशी का तर्क है कि वे अभी 10 जनवरी को आए हैं। उनकी जानकारी में है कि सौभाग्य योजना के तहत नवलपुरा गांव मे मीटर लगे हैं। मगर उन मीटर तक तार खींचने का काम जिस निजी कंपनी को दिया था उसने वह कार्य पूर्ण नहीं किया इसलिए वहां पर बिजली नहीं पहुंची है। उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है उनके दिशा-निर्देश पर ही जल्द बिजली मुहैया कराई जाएगी। हालांकि  कनिष्ठ अभियंता यह भी कहते है कि जब मीटर लगा है तो बिल तो आएगा।

 

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