सड़क पर रहने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए नई पॉलिसी लागू

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भोपाल।

राज्य सरकार ने सड़क पर रहने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए नई पॉलिसी लागू कर दी है। इसके तहत उन्हें सरकारी विभागों की 55 योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा और दत्तक देने, पालन-पोषण के लिए स्पांसर ढूंढने से लेकर सरकारी स्तर पर पुनर्वास का प्रबंध किया जाएगा। ऐसे बच्चों को तलाशने के लिए सर्वे, मैपिंग की जाएगी। इसके लिए विशेष दलों का गठन किया जाएगा।

इन पर होगा  फोकस
 बिना किसी सहयोग के अकेले रहने वाले जैसे गुमशुदा, भागे हुए , परित्यक्त और अनाथ बच्चे। दिन में सड़कों पर रात में परिवार के साथ रहने वाले बच्चे जो भीख मांगने, पन्नी बीनने तथा सामान बेचने का काम करते है। जीवन निर्वाह के लिए परिवार के साथ सड़क पर रहने वाले, प्रवासी परिवार के बच्चे, दिव्यांग बच्चे, निराश्रित बच्चे, बाल श्रमिक, कामकाजी बच्चे।

परिवार, संस्थाओं में संरक्षण
जिन बच्चों का परिवार है उन्हें समझाईश देकर बॉन्ड भरवाकर परिवार में संरक्षित कराया जाएगा। झूलाघर, खुला आश्रय गृह आंगनबाड़ी की सुविधाओं का लाभ उन्हें दिलाया जाएगा। जिनके परिवार नहीं है माता-पिता जेल में है तो ऐसे बच्चों के संरक्षण, भरण पोषण, चिकित्सा , शिक्षा और पुनर्वास के लिए बाल देखरेख संस्था में प्रवेश दिलाया जाएगा।

पालन पोषण, शिक्षा और आय की ऐसे होगी व्यवस्था
बच्चों को विधिक रूप से स्वतंत्र घोषित कर उन्हें दत्तक ग्रहण कराया जाएगा। जिनके मातापिता जेल में है या पालने में असमर्थ है उन्हें व्यक्तिगत या समूह पालन पोषण में रखा जाएगा। बच्चों की देखरेख, शिक्षा के लिए निजी या शासकीय स्पांसरशिप दिलाई जाएगी। दिव्यांगों को पेंशन लाभ मिलेगा। परिवार में वापसी और 18 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को रोजगार, स्वरोजगार के माध्यम से आॅफ्टर केयर कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। आंगनबाड़ी में प्रवेश, शाला, विद्यालय में प्रवेश, स्कूलों में पंजीयन, आॅनलाईन शिक्षा, पाठयसामग्री, छात्रावास एवं छात्रवृत्ति की सुविधा दी जाएगी।

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