पड़ोसी राज्यों में बढ़ रहा ओमिक्रॉन संक्रमण, 24 घंटे में 18 नए केस, टॉप पर भोपाल-इंदौर

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भोपाल
मप्र में ओमिक्रोन वैरियंट की दस्तक पड़ोंसी राज्यों के जरिए कभी भी हो सकती है इसकी वजह प्रदेशभर में इसके रोकथाम के पुख्ता इंतजामात नहीं हैं। जबकि महाराष्टÑ,राजस्थान एवं गुजरात सहित अन्य पड़ोसी राज्य इसकी चपेट में हैं और इन राज्यों से मप्र आने जाने वाले लोगों का भी फ्री मूवमेंट है।  टेÑन,बस और हवाई परिवहन की सीधी कनेक्टिविटी है,लेकिन यहां से आने वाले लोगों की रैपिड एंटीजन किट से ही जांचें की जा रहीं हैं। जबकि कोरोना के नए स्टेÑन या ओमिक्रोन वैरिंयंट का पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेसिंग जरूरी है।

गौरतलब है कि मप्र से सटे राज्य महाराष्ट्र, राजस्थान एवं गुजरात में ओमिक्रॉन वैरिएंट के करीब तीन दर्जन मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से महाराष्टÑ टॉप पर है। देशभर के ओमिक्रॉन वैरियंट के 61 केसों की पुष्टि हो चुकी है इनमें से 49 केस इन्हीं तीन राज्यों में हैं। इनमें से महाराष्ट्र 28, राजस्थान 17 एवं गुजरात के 4 पॉजिटिव केस शामिल हैं। इसके अलावा शेष 12 केस अन्य राज्यों में भी हैं उनसे भी खतरा कुछ कम नहीं है। मालूम हो कि प्रदेश में सेकेंड वेव की एंट्री भी इन्ही पड़ोसी राज्यों से हुई थी और अब फिर से इसकी अशंकाएं तेज हो गर्इं हैं।

मध्य प्रदेश में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। औसतन 18 से 20 पॉजिटिव केस रोजाना सामने आ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 18 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इन नए एवं पुराने केसों के साथ भोपाल व इंदौर टॉप पर है।  स्वास्थ्य संचालनानय ने हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक प्रदेशभर में 52 हजार सैंपलों की जांच की गई। जिसमें 18 सैंपलों की जांच पॉजिटिव आई है। इसमें भोपाल और ंइदौर में क्रमश: 7 और 5 केस मिले हैं। इसके अलावा बैतूल जिले में भी  5 एवं जबलपुर में एक पॉजिटिव केस मिले हैं। हालांकि 14 मरीज रिकवर होकर डिस्चार्ज भी हुए।

महाराष्टÑ गुजरात और राजस्थान से मप्र में लोगों का फ्री मूवमेंट है । रोजाना औसतन 20 से 30 हजार लोग आ जा रहे हैं।  वहीं भोपाल, इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर भी इनसे व्यापारिक तौर पर सीधे जुड़े हंै।  ऐसे में इन राज्यों समेत अन्य ओमिक्रोन से संक्रमित राज्यों से आने वाले लोगों को मप्र में डिटेक्ट करने के लिए पुख्ता इंतजामात नहीं हैं।

एसीएस हेल्थ मोहम्मद सुलेमान ने बताया है कि  प्रदेशभर से जीनोम सिक्वेसिंग के1600 सैंपल भेज जा चुके हैं इनमें से अभी तक किसी भी सैंपल्स की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है। इंटर स्टेट ट्रवलिंग को लेकर उन्होंने कहा कि अभी तक रोक नहीं है। इसे तय करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है।

 

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