गुना
आरोन थानाक्षेत्र में 13-14 मई की मध्यरात्रि वन्य प्राणियों के शिकार के बाद पुलिस और शिकारियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने सात आरोपित बनाए थे, जिनमें से तीन की मौत हो गई, तो दो एनकाउंटर में घायल हो गए। वहीं दो फरार आरोपित अब भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। हालांकि, जांच में सामने आए आठवें आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल, आरोन थाना क्षेत्र के शहरोक और सफा बरखेड़ा के बीच जंगल में पांच काले हिरण और एक मोर का शिकार कर ले जा रहे शिकारियों के साथ पुलिस का आमना-सामना हुआ। इस दौरान विवाद के बाद झूमाझटकी भी हुई, जिसमें उपनिरीक्षक राजकुमार जाटव की पिस्टल की गोली नौशाद को लगी, जिसके बाद शहजाद ने 12 बोर की बंदूक से फायरिंग कर दी। इसमें एसआइ सहित प्रधान आरक्षक नीरज भार्गव और आरक्षक संतराम मीना की मौके पर ही मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस और जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए दिन में शिकारियों के मकानों पर बुलडोजर चलाए, तो रात को दूसरे आरोपित शहजाद का एनकाउंटर कर दिया। अगले दिन दोपहर में जिया और सोनू खान का शार्ट एनकाउंटर किया गया, जिसमें दोनों के पैर में गोली लगने से घायल हो गए। इसके बाद राजस्थान भाग रहे छोटू पठान का भी पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया। इसके साथ ही गुल्लू और विक्की खान अब भी फरार हैं।
इधर, पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया कि इरशाद खान उम्र 27 साल निवासी जीनघर गुना भी वन्य प्राणियों के शिकार से लेकर पूरे घटनाक्रम में साथ रहा। उसे शुक्रवार को बजरंगगढ़ बायपास से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा फरार दो आरोपित गुल्लू और विक्की की तलाशी के लिए आठ से दस टीमों को लगाया गया है, जो संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।