गहलोत सरकार की ब्यूरोक्रेसी में बड़ी ‘प्रशासनिक सर्जरी’ की तैयारी, जयपुर कलेक्टर की विदाई तय

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जयपुर
राजस्थान में 5 जनवरी से आईएएस-आरएएस अफसरों के तबादले पर लगाया बैन हट गया है। क्योंकि 5 जनवरी तक मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के चलते कलेक्टर- एसडीएम और इस कार्यक्रम से सीधे जुड़े अफसरों के तबादलों पर रोक लगी हुई थी। इसी वजह से गहलोत सरकार ने नए वर्ष में आईएएस अफसरों को प्रमोशन देकर कुछ अफसरों को इधर से उधर किया था। गहलोत सरकार ने नए वर्ष में ब्यूरोक्रेसी की बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी कर ली है। जल्द ही आईएएस-आरएएस अफसरों की बड़ी तबादला सूची आएगी। तबादला सूची जयपुर कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा का तबादला तय माना जा रहा है।

 क्योंकि कोरोना समीक्षा बैठक में राजधानी जयपुर में कोरोना के खिलाफ जंग में इंतजाम को लेकर कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा से सीएम अशोक गहलोत नाखुश दिखाई दिए थे। तबादला करने की दूसरी वजह यह भी है कि एक दर्जन आईएएस अफसरों के पास अतिरिक्त चार्ज है। जनता से सीधे जुड़े विभागों के मुखिया होने के कारण ये अफसर काम के बोझ तले दबे हुए है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता 5 जनवरी को शाम 4.45 बजे मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन करेंगे। इसके साथ ही राजस्थान में तबादलों पर लगी रोक हट जाएगी।

सचिवालय में एसीएस रैंक के अधिकारियों की कमी
राजस्थान की जनता के लिए नीति-नियम बनाने वाले शासन सचिवालय में मात्र 4 अतिरिक्त मुख्य रैंक (एसीएस) के अधिकारी शामिल है। इन अधिकारियों के पास भी आधा दर्जन विभागों का अतिरिक्त प्रभार है। आईएएस आनंद कुमार, अखिल अरोड़ा, सुबोध अग्रवाल, गायत्री राठौड़ और समित शर्मा अतिरिक्त प्रभार के बोझ तले दबे हैं। इससे कामकाज प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा सचिव स्तर के अधिकारियों के पास भी एक से अधिक प्रभार है। जनवरी महीने में 3 आईएएस मुख्य सचिव निरंजन आर्य, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के सचिव नारायण लाल मीणा और श्रीगंगानगर के कलेक्टर जाकिर हुसैन सेवानिवृत्त होंगे। इन सभी कारणों की वजह से गहलोत सरकार ने तबादला करने की तैयारी कर ली है। क्योंकि अभी तक राज्य सरकार के निर्वाचन विभाग की रोक की वजह से हाथ बंधे हुए थे।
 
गहलोत-पायलट कैंप के विधायक  ब्यूरोक्रेसी से नाराज

राजस्थान में गहलोत-पायलट कैंप के विधायक दो दर्जन तहसीलों में लगे उपखंड अधिकारियों से बेहद नाराज चल रहे हैं। इन अधिकारियों की कार्यप्रणाली से नाराज विधायक सीएम अशोक गहलोत को कई बार हटाने के लिए चिट्टी तक लिख चुके हैं। विधायकों का कहना है कि अफसरों के सुस्त रवैये के कारण राज्य सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम छोर बैठे व्यक्ति को नहीं मिल पा रहा है। उपखंड अधिकारी ऐंठ में रहते हैं। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और सवाईमाधोपुर के विधायक दानिश अबरार कई दफा खुलकर अपनी नाराजगी से सीएम गहलोत को अवगत करा चुके हैं। राजस्थान में सियासी संकट में गहलोत का साथ देने वाले विधायक भी उपखंड अधिकारियों से नाराज चल रहे हैं।

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