सहारनपुर
गुरुवार को सहारनपुर की सीमाओं पर सियासी उबाल रहा। यहां कांग्रेस के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष नवतोज सिंह सिद्धू ने छह घंटे प्रशासन को हलकान किए रखा। इस दौरान एक हजार से अधिक गाड़ियों के काफिले के साथ लखीमपुर खीरी जा रहे सिद्धू समेत आठ नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। इससे पहले सिद्धू के समर्थकों व पुलिस के बीच जमकर हाथापाई हुई और समर्थकों ने बैरियर तोड़ डाला। गिरफ्तारी के बाद सभी को सरसावा थाने लाया गया, जहां से सिद्धू को 20 नेताओं के साथ लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति दे दी गई। उधर, शामली में बॉर्डर पर हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा समेत तमाम कार्यकर्ता रोके जाने पर धरने देकर बैठ गए। लखीमपुर खीरी की घटना के बाद विपक्षी नेताओं का वहां जाना जारी है। इसी क्रम में गुरुवार को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवतोज सिंह सिद्धू सरकार के तीन मंत्रियों और हजारों समर्थकों के साथ चंडीगढ़ से गाड़ियों के काफिले के साथ लखीमपुर खीरी रवाना हुए। दोपहर सवा तीन बजे सिद्धू का काफिला जैसे ही सहारनपुर सीमा स्थित शाहजहांपुर पहुंचा, तो पुलिस बल ने उन्हें रोक लिया। इस दौरान सिद्धू समर्थकों ने पहला बैरियर तोड़ दिया। पुलिस से धक्कामुक्की और हाथापाई भी हुई।
आधा घंटे हंगामे के बाद प्रशासन ने की बात
करीब आधा घंटे हंगामे के बाद डीएम अखिलेश सिंह और एसएसपी डा. एस चनप्पा ने नवतोज सिंह सिद्धू से बात की। उसके बाद एडीजी राजीव सभरवाल और कमिश्नर डा. लोकेश एम ने भी बातचीत की, लेकिन सिद्धू समर्थक अड़े रहे। तो करीब साढ़े चार बजे उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
इन्हें लिया हिरासत में
पुलिस ने पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, कायर्कारी प्रदेश अध्यक्ष पवन गोयल और कुलजीत नागरा, पंजाब सरकार के परिवहन मंत्री राजा अमरिंदर सिंह, शिक्षा और खेल मंत्री परगट सिंह, केबिनेट मंत्री विजय इंदर सांगला, विधायक कुलबीर जारा, विधायक डा. हरजोत कमल को हिरासत में लिया गया। उधर करीब ढाई हजार समथर्क हरियाणा-सहारनपुर की सीमा पर डटे रहे।