अहलूवालिया ने कहा-एयर इंडिया को सौंपने के लिए टाटा बेहतर घराना

0
65

नई दिल्ली 
पूर्ववर्ती योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने गुरुवार को कहा कि कर्ज में डूबी एयरलाइन एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए टाटा समूह से बेहतर स्थिति भारत में किसी अन्य कॉरपोरेट घराने की नहीं है। टाटा संस सरकार द्वारा संचालित एयरलाइन के अधिग्रहण के लिए शीर्ष बोलीदाता के रूप में उभरा है, लेकिन बोली को गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के एक समूह द्वारा अनुमोदित किया जाना बाकी है। ऑनलाइन आयोजित एक कार्यक्रम में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘आपके पास टाटा से बेहतर स्थिति वाला कॉरपोरेट नहीं हो सकता है, हम इसे (सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को) सौंप सकते हैं।’ एयर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म (एआईएसएएम) नामक पैनल के अन्य सदस्य वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं।

कभी टाटा एयरलाइंस था एयर इंडिया
जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा ने 1932 में एयरलाइन की स्थापना की थी। तब इसे टाटा एयरलाइंस कहा जाता था। यह अंतरराष्ट्रीय सेवा भारत में पहली सार्वजनिक-निजी भागीदारी में से एक थी, जिसमें सरकार की 49 प्रतिशत, टाटा की 25 प्रतिशत और जनता की शेष हिस्सेदारी थी। एयर इंडिया का 1953 में राष्ट्रीयकरण किया गया था। सरकार राष्ट्रीय एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की कोशिश कर रही है।
 
स्पाइसजेट के सीईओ और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अजय सिंह ने कहा है कि एक स्वस्थ एयर इंडिया पूरे देश के लिए अच्छी है और सरकार द्वारा इसके निजीकरण के बाद इसका ब्रांड धीरे-धीरे अपना पुराना गौरव वापस पा लेगा। पीटीआई-भाषा द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में एयर इंडिया के लिए बोली लगाई है, सिंह ने कहा, ;चूंकि आप जानते हैं कि हमारा सरकार के साथ गोपनीयता संबंधी समझौता है। इसलिए, मैं एयर इंडिया की बोली के बारे में बात नहीं कर सकता। सूत्रों के अनुसार, कर्ज में डूबी एयर इंडिया के लिए सिंह और टाटा समूह द्वारा लगाई गईं वित्तीय बोलियां पिछले महीने खोली गई थीं और विनिवेश संबंधी सचिवों के मुख्य समूह ने 29 सितंबर को उनका मूल्याकंन किया था। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा इस समूह के प्रमुख हैं।

गत एक अक्टूबर को, निजीकरण के लिए जिम्मेदार सरकारी विभाग – निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव, तुहिन कांत पांडे ने ट्विटर पर लिखा था कि केंद्र ने अभी तक एयर इंडिया के लिए वित्तीय बोलियों को मंजूरी नहीं दी है और जब भी ऐसा होगा, मीडिया को इसकी जानकारी दे दी जाएगी।

जब सिंह से पूछा गया कि उनके हिसाब से एक निजी कंपनी द्वारा एयर इंडिया के अधिग्रहण के बाद भारतीय विमानन बाजार की स्थिति क्या होगी, उन्होंने जवाब दिया, यह कल्पना पर आधारित है लेकिन निश्चित रूप से एक स्वस्थ एयर इंडिया पूरे देश के लिए अच्छी है और हम मानते हैं कि एयर इंडिया अधिग्रहण या निजीकरण के साथ एक स्वस्थ एयरलाइन होगी और धीरे-धीरे एयर इंडिया का गौरवशाली ब्रांड वापस लौट आएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here