Tata ने Air India के लगाई 18,000 करोड़ की सबसे बड़ी बोली,रतन टाटा ने कहा – ‘वेलकम बैक एयर इंडिया’

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नई दिल्ली
लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया की कमान टाटा समूह के हाथों में सौप दी गई है। एयर इंडिया के लिए टाटा समूह ने करीब 18 हजार करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। मीडिया को संबोधित करते हुए डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने बताया कि टाटा संस की टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर बाजी मारी है। तुहिन कांत पांडे ने कहा कि लेनदेन दिसंबर 2021 के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है।

टाटा को क्या-क्या मिलेगा: सरकार की शर्तों के मुताबिक सफल बोली लगाने वाली कंपनी यानी टाटा को एयर इंडिया के अलावा सब्सिडरी एयर इंडिया एक्सप्रेस का भी शत प्रतिशत नियंत्रण मिलेगा। वहीं, एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी पर कब्जा होगा। आपको यहां बता दें कि एआईएसएटीएस प्रमुख भारतीय हवाईअड्डों पर कार्गो और जमीनी स्तर की सेवाओं को उपलब्ध कराती है। विनिवेश नियमों के मुताबिक टाटा को एयर इंडिया के घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लैंडिंग की मंजूरी मिलेगी। वहीं, पार्किंग आवंटनों का नियंत्रण दिया जाएगा।

 

 टाटा सन्स ने जीती एयर इंडिया की बोली, रतन टाटा ने कहा – 'वेलकम बैक एयर इंडिया'

टाटा सन्स ने एयर इंडिया की बोली जीत ली है। सरकार ने कर्ज में जूझ रही एयर इंडिया की कमान टाटा ग्रुप को सौंपने के फैसले पर मुहर लगा दी है। सालों से घाटे में चल रही एयर इंडिया को बेचने की कई कोशिशें नाकाम हुई थीं। आखिरकार इसे बेचने में सरकार को कामयाब मिल गई। Air India के लिए केवल दो बोली लगी थी, जिसमें एक टाटा संस की थी, तो दूसरी स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह की। टाटा सन्स से 18 हजार करोड़ की बोली लगाकर ये नीलामी अपने नाम कर ली। DIPM के सेक्रेटरी तुहीन कांत ने कहा कि Air India के लिए टाटा ग्रुप ने 18,000 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। एयर इंडिया पर 31 अगस्त तक 61,560 करोड़ रुपए का कर्ज था। Air India का 15300 करोड़ रुपए का कर्ज टाटा चुकाएगी, बाकी का 46,262 करोड़ रुपए AIAHL (Air India asset holding company) भरेगी।

2009 से अब तक सरकार ने Air India में 1,10,276 करोड़ रुपए इनवेस्ट किए हैं। कंपनी के लॉस की भरपाई सरकार की गारंटीड लोन के जरिए होती रही है। अधिकारियों के मुताबिक दिसंबर 2021 तक यह डील पूरी हो जाएगी और सरकार Air India का हैंडओवर टाटा संस को दे देगी।

एयर इंडिया का इतिहास

एयर इंडिया पहले सरकारी कंपनी नहीं थी। इसे 1932 में जेआरडी टाटा ने "टाटा एयरलाइंस" के नाम से शुरू किया था। शुरु में यह कराची से मद्रास तक वीकली फ्लाइट सर्विस मुहैया कराती थी। इस एयरलाइन ने अपने पहले साल में 155 यात्रियों और 10.71 टन चिठ्ठियों को लेकर 2,60,000 किलोमीटर की उड़ान भरी। इस दौरान इसने 60,000 रुपये का मुनाफा कमाया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह एयरलाइन एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदल गई और इसका नाम एयर इंडिया हो गया। आजादी के बाद 1948 में भारत सरकार ने इसमें 49 पर्सेंट हिस्सेदारी खरीद ली। फिर 1953 में सरकार एयर कॉरपोरेशन एक्ट पासकर एयरलाइन में जेआरडी टाटा से मेजॉरिटी हिस्सेदारी खरीद ली।

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