खंडवा
ग्राम मछोंडी रैयत की कालोनी पेठिया में सरकारी गेहूं की अफरा-तफरी करने वाली फर्म को अब तक ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया है। इस फर्म के ब्लैक लिस्ट नहीं होने से दूसरी फर्म को अनुबंधित करने की प्रक्रिया भी आगे नहीं बढ़ पा रही है। ऐसे में कंट्रोल दुकानों तक अनाज के परिवहन की नई व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
सरकारी अनाज की कालाबाजारी करने वालों पर प्रकरण दर्ज होने के बाद उनकी गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस प्रशासन ने इनाम तो घोषित कर दिया है लेकिन अफरा-तफरी करने वाली गोल्डन ट्रांसपोर्ट कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की प्रक्रिया अभी अधर में ही अटकी हुई है। नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा फर्म को ब्लैक लिस्ट करने के लिए शासन को 27 जनवरी को पत्र लिखा था। इसके साथ ही संबंधित आरोपित सादिक पुत्र मोहम्मद याकूब के घर भी कंपनी को ब्लैक लिस्ट किए जाने संबंधित नोटिस चस्पा करा दिया गया। हालांकि शासन की ओर से अभी फर्म को ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई नहीं की जा सकी है। नागरिक आपूर्ति निगम में अनुबंधित गोल्डन ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा खंडवा सेक्टर की कंट्रोल दुकानों पर सरकारी अनाज परिवहन किया जाता था।
गेहूं की हेराफेरी का मामला सामने आने के बाद खंडवा सेक्टर की करीब 470 कंट्रोल दुकानों पर अनाज के परिवहन की व्यवस्था रूक गई है। हालांकि नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों का कहना है कि मार्च में वितरित होने वाले अनाज का आवंटन अभी शासन की ओर से नहीं आया है। अनाज का आवंटन आने से पहले ही नई फर्म के माध्यम से अनाज के परिवहन की व्यवस्था कर ली जाएगी। नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक शरद अग्रवाल ने बताया कि हमने फर्म को ब्लैक लिस्ट करने के लिए शासन को पत्र लिख दिया है। जल्द ही कार्रवाई शासन की ओर से की जाएगी। विदित हो कि गेहूं की अफरा-तफरी के मामले में फर्म के संचालम मोहम्मद सादिक पुत्र मोहम्मद याकूब, ट्रक चालक फहीम, ट्रक मालिक अरबाज चौहान पुत्र अकरम, शहबाज पुत्र अकरम चौहान एवं गोदाम मालिक मोहम्मद जाफर पुत्र मोहम्मद रफीक पर जावर थाने में प्रकरण दर्ज है। इनमें से एक भी आरोपित की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी है। ऐसे में पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने फरार आरोपितों पर दस-दस हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।