फरवरी 2020 की अपनी भारत यात्रा को डॉनल्ड ट्रंप रद्द क्यों करना चाहते थे?

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नई दिल्ली

स्टेफनी ग्रिशम 2017 से 2021 के बीच पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ वाइट हाउस में काम कर चुके हैं। उनकी नई किताब आई है- आई विल टेक योर क्वेश्चन नाउ, माई टाइम इन द ट्रंप वाइट हाउस। उन्होंने इस किताब में डॉनल्ड ट्रंप की भारत यात्रा को लेकर भी लिखा है। उनके किताब के मुताबिक ट्रंप भारत यात्रा को रद्द करना चाहते थे लेकिन क्यों? आइए जानते हैं। फरवरी 2020 के आखिर में डॉनल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी का भारत दौरा होना तय था। एक द्विपक्षीय बैठक के दौरान ट्रंप ने इस यात्रा के लिए सहमति जताई थी। इसके बाद कैलंडर में इस यात्रा के लिए जगह बने गई। लेकिन फरवरी मध्य तक संक्रामक कोरोना वायरस दुनिया में फैलने लगी। भारत यात्रा की तारीख नजदीक आने के साथ ही वाइट हाउस से अधिकारी भारत यात्रा के बारे में संदेह करने लगे। हालांकि ट्रंप के सलाहकार और दामाद जारेड कुशनर चाहते थे कि ट्रंप भारत यात्रा पर जरूर जाएं। ऐसे में एक बैठक निर्धारित की गई जिसमें यह तय होना था कि ट्रंप भारत दौरे पर जा रहे हैं या नहीं। इस बैठक में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, 'मैं वाकई नहीं जाना चाहता। यह दो दिनों की लंबी यात्रा है। हम कोरोना वायरस से निपट रहे हैं। मैं पीएम मोदी को समझाऊंगा कि यह बेहतर वक्त नहीं है। उन्हें कहूंगा कि अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान भारत आऊंगा।'

 

ट्रंप की पत्नी मेलानिया ट्रंप ने जब वायरस को लेकर सवाल उठाए तो अधिकारियों ने बताया कि भारत में इस वायरस का असर नहीं के बराबर है। लेकिन ट्रंप भारत यात्रा को रद्द करने पर अड़े रहे। इसके बाद जारेड ने कहा कि यात्रा रद्द करने की बात आपको नरेंद्र मोदी से बात करके बतानी चाहिए। और अंत में हुआ ये कि ट्रंप भारत के दौरे पर आए। स्टेफनी ग्रिशम ने लिखा है कि उस दिन से लेकर आजतक मुझे पता नहीं कि जारेड कुशनर के लिए भारत यात्रा इतनी महत्वपूर्ण क्यों थी। जारेड और उनकी टीम ने भारत सरकार से सीधे तौर पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बातचीत कि जो कि आमतौर पर सुरक्षा और खुफिया सेवा का काम होता है। यह पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना और प्रोटोकॉल के खिलाफ था जो डॉनल्ड ट्रंप के वाइट हाउस में जारेड कुशनर के होने का प्रतीक था।

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