आरोग्य मंथन: राष्ट्रपति ने कहा आधुनिक इलाज से जोड़ें पुरानी पद्धतियां

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भोपाल। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि भारत में उपलब्ध उपचार सुविधा पूरे विश्व में सबसे सस्ती है इसलिए हमें भारत में मेडिकल टूरिज्म को बढाÞना चाहिए और स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए। यह हमारे लिए चैलेंज है और यह हम सबकी जिम्मेदारी है।  वे आरोग्य भारती द्वारा  एक देश एक स्वास्थ्य तंत्र वर्तमान समय की आवश्यकता है विषय पर आरोग्य मंथन में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी सुखी हो, सभी रोगमुक्त हो इसके लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की सभी व्यक्तियों तक उपलब्धता जरुरी है। उन्होंने कहा कि जब प्रत्येक व्यक्ति, प्रत्येक परिवार सुखी होगा तभी गांव, शहर और देश स्वस्थ होगा और सुरक्षित रहेगा। यह अरोग्य भारती की सोच है। राष्ट्रपति ने कहा कि आरोग्य भारती ने सभी चिकित्सा पद्धतियों को साथ लेकर काम किया। प्राचीन चिकित्सा पद्धति के साथ आधुनिकी चिकित्सा पद्रधति को जोड़ना होगा । योग , प्राणायाम वैज्ञानिक पद्धति है इनका उपयोग करना होगा। आरोग्य भारती के कार्यकर्ता पूरे देश में सक्रिय है और उनके बेहतर कार्यकलापों से देश में स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में अच्छा काम हुआ है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आयुर्वेद और यूनानी पद्धति एक दूसरे के पूरक है।  कोरोना काल मेें जितनी भी पद्धतियां थी मंैने सबका उपयोग किया। करोड़ों परिवारों में त्रिकुटका काढ़ा बांटने का काम किया। योग से निरोग अभियान शुरु किया। कोरोनाकाल में घर-घर काढ़ा बांटा गया। उस समय यह स्पष्ट नहीं था कि क्या दवाई दे। हमने योग से निरोग कार्यक्रम चलाया। आइसोलेशन के मरीजों को आनलाइन योग सिखाने की व्यवस्था की। इसके अच्छे परिणम सामने आए।  उन्होंने कहा कि जब यह बहस होती है कि एलौपैथी अच्छी है या आयुर्वेद अच्छा है या यूनानी अच्छी है लेकिन यह एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी नहीं परस्पर पूरक है। कोविड में इसका उदाहरण सबने देखा। इसलिए इन सभी चिकित्सा पद्धतियों को हम एक मंच पर लाएं यह विचार अभिनंदनीय है। इसके लिए वे आरोग्य भारती का ह्दय से आभार व्यक्त करते है। राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा कि पहले के लोग ज्यादा श्रम करते थे इसलिए वे स्वस्थ रहते थे। इसलिए परिश्रम भी जरुरी है।

खेती में कम हो कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री प्राकृतिक खेती का अभियान चला रहे है। इससे कीटनाशक दवाओं का प्रयोग कम होगा। हम स्वस्थ रहने के लिए क्या खाएं, कैसा खाएं यह भी तय करना होगा। उन्होंने कहा कि सर्जरी में एलोपैथिक का कोई मुकाबला नहीं है। हम सभी पद्धतियों को मिलाकर देश और विश्व के कल्याण में भागीदार बने, इस दिशा में काम होता रहे मेरी यही शुभकामना है।

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