कैप्टन वरुण सिंह को भोपाल में देंगे अंतिम सलामी, सैन्य सम्मान से होगा अंतिम संस्कार

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भोपाल
 देश ने एक और शूरवीर खो दिया। नीलगिरि के जंगलों में क्रैश हुए हेलिकॉप्टर में एकमात्र जिंदा बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह एक हफ्ते चली जिंदगी-मौत की जंग बुधवार सुबह हार गए। शौर्य चक्र से सम्मानित इस जांबाज ने बेंगलूरु के आर्मी अस्पताल में अंतिम सांस ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके निधन पर शोक जताया है।
 

पता चल सकता था कैसे हुआ हेलिकॉप्टर क्रैश
वायुसेना के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कैप्टन वरुण सिंह के निधन की जानकारी दी गई। पिछले हफ्ते बुधवार को ही क्रैश हुए एमआइ-1715 में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर समेत 13 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। लोगों को उम्मीद थी कि वरुण सिंह के स्वस्थ होने पर क्रैश की वजह का पता चल सकता है। उस दिन आखिरी मिनटों में हेलिकॉप्टर में क्या हुआ था? यह सवाल अब भी पहेली बने हुए हैं। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की पार्थिव देह 16 दिसंबर को सेना के विमान से भोपाल लाई जाएगी। शुक्रवार सुबह 11 बजे पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ भदभदा विश्राम घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।

वरुण सिंह के निधन की खबर से भोपाल में शोक की लहर दौड़ गई। उनके पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह भोपाल के एयरपोर्ट रोड स्थित सन सिटी कॉलोनी में रहते हैं। हालांकि हादसे के बाद वे घटनास्थल पर रवाना हो गए थे। वरुण सिंह पत्नी गीतांजलि और दो बच्चों के तब से वहीं हैं। वे उनके साथ वेलिंग्टन (तमिलनाडु) में रहते थे।
अभिनंदन के बैचमेट, पिता भी थे सेना में, भाई नेवी में तैनात

वरुण सिंह ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान के बैचमेट थे। अभिनंदन ने 27 फरवरी, 2019 को भारत की सीमा में घुसे पाकिस्तानी विमानों को खदेड़ा था। वरुण सिंह के पिता केपी सिंह भोपाल में रहते हैं, जो सेना में कर्नल पद से रिटायर्ड हुए हैं। वरुण के छोटे भाई तनुज सिंह मुंबई में नेवी में तैनात हैं। उनके चाचा अखिलेश प्रताप सिंह कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं।

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