पावर ट्रांसमिशन कंपनी में ऊर्जा संरक्षण दिवस आयोजित

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भोपाल

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य लोगों को ऊर्जा के महत्व, बचत एव संरक्षण के संबंध में जागरूक करना है। उन्होंने सभी विद्युत कम्पनियों के समस्त अभियंताओं और कार्मिकों का आह्वान किया कि वे ऊर्जा बचत एवं मितव्ययता को जीवन का मूल मंत्र बनायें। इस अवसर पर ऊर्जा संरक्षण केन्द्रित ब्रोशर तथा स्टीकरों का विमोचन किया गया। कार्यालयों में ऊर्जा संरक्षण संदेश का वाचन किया गया एवं अभियंताओं और कार्मिकों द्वारा ऊर्जा संरक्षण का संकल्प लिया गया।

पारेषण हानि को 2.62 प्रतिशत तक सीमित करना उपलब्धि

मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक सुनील तिवारी ने कहा कि पावर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा ऊर्जा संरक्षण के महत्वपूर्ण प्रयास किये गये हैं, जिनमें पारेषण हानि (ट्रांसमिशन लॉसेस) को 2.62 प्रतिशत तक सीमित करना महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित 2.78 प्रतिशत की तुलना में कम है और यह ऊर्जा संरक्षण की गतिविधियों में एक आयाम है। पावर ट्रांसमिशन कंपनी के सब स्टेशनों में उपयोग होने वाले विभिन्न उपकरणों में सामान्य इंडीकेटिंग बल्बों के स्थान पर एलईडी बल्बों का उपयोग किया जा रहा है। सब स्टेशनों में रोशनी के लिये यार्ड लाइट, बाउंड्री एवं कॉलोनियों में सोडियम लैंपों के स्थान पर एलईडी का उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश के विभिन्न सब स्टेशनों में रूफटॉप सौर पेनल भी लगाये गये हैं।

ग्रीन इनर्जी कॉरिडोर परियोजना में 400 केवी के तीन तथा 220 केवी के सात सब स्टेशन ऊर्जीकृत

अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं से बिजली निकासी को सुविधाजनक बनाने के लिये भारत में पारेषण और निकासी अधोसंरचना स्थापित करने के लिए वर्ष 2015 में हरित ऊर्जा गलियारा (ग्रीन इनर्जी कॉरिडोर) योजना की शुरूआत की गई है। मध्यप्रदेश में ग्रीन इनर्जी कॉरिडोर योजना में 400 केवी के तीन सब स्टेशन सागर, मंदसौर और उज्जैन एवं 220 केवी के सात सब स्टेशन सेंधवा, सैलाना, गुड़गांव, कानवन, जावरा, रतनगढ़ व नलखेड़ा ऊर्जीकृत किए जा चुके हैं।

अक्षय ऊर्जा में मध्यप्रदेश अग्रणी

पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक ने कहा कि अक्षय ऊर्जा को सतत् बढ़ावा दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश में अक्षय ऊर्जा का प्रतिशत वर्ष 2010-11 में 1.99 प्रतिशत था, जो कि वर्तमान में बढ़कर 18.51 प्रतिशत हो गया। मध्यप्रदेश की कुल कांट्रेक्टेड ऊर्जा क्षमता 21 हजार 422 मेगावाट (31 मार्च 2021 तक) में से 3966 मेगावाट (18.51 प्रतिशत) अक्षय ऊर्जा द्वारा उत्पादित हो रही है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। हाल ही में आगर, शाजापुर तथा नीमच में 1500 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना के लिये भूमि-पूजन किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई घोषणा के अनुसार वर्ष 2030 तक मध्यप्रदेश, देश की ऊर्जा की आवश्यकता का 50 प्रतिशत सौर ऊर्जा से आपूर्ति करने के लक्ष्य की तरफ तेजी से बढ़ रहा है।

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