राज्य उपभोक्ता आयोग ने भी खारिज किया इंश्योरेंस कंपनी का दावा

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भोपाल

दावा निरस्त होने से असंतुष्ट परिवादी द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष प्रस्तुत परिवाद को आयोग ने आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए परिवादी को एक लाख 63 हजार 518 रूपये का भुगतान मय ब्याज के साथ करने तथा सेवा में कमी के लिए 5000 रूपये और अन्य क्षति के लिए 1000 रूपये का भुगतान करने का आदेश पारित किया है।

आयोग के आदेश से असंतुष्ट होकर इंश्योरेंस कंपनी द्वारा प्रस्तुत की गई अपील पर आयोग ने विभिन्न न्याय दृष्टांतों के आधार पर अपने आदेश में कहा कि लाइट मोटर व्हीकल – नॉन ट्रांसपोर्ट लाइसेंस पर ट्रांसपोर्ट व्हीकल का पृष्ठांकन होना आवश्यक नहीं है। इस आधार पर बीमा कंपनी द्वारा दावा निरस्त करना उचित नहीं है। राज्य आयोग ने आंशिक रूप से अपील स्वीकार करते हुए जले हुए वाहन के मलबे की राशि 50 हजार रूपये कम करते हुए शेष आदेश यथावत रखा।

ज्ञात हो कि परिवादी का टाटा मोटर्स कंपनी का वाहन एस जिप बीएस 3 आग लगने से जल गया था। नुकसान की प्रतिपूर्ति के लिए परिवादी ने इंश्योरेंस कंपनी के समक्ष दावा प्रस्तुत किया, जिसे यह कहते हुए दावा निरस्त कर दिया गया था कि घटना के समय वाहन चालक लाइट मोटर व्हीकल – नॉन ट्रांसपोर्ट लाइसेंसधारी था जबकि वाहन मालवाहक वाहन था। साथ ही घटना के समय वाहन क्षमता से अधिक भरा हुआ था और ड्राइवर और क्लीनर के साथ एक अन्य व्यक्ति भी वाहन में बैठा था। आयोग ने माना कि प्रकरण में वाहन आग से जलने के कारण बीमा कंपनी के समक्ष दावा प्रस्तुत किया था। वाहन चालक और क्लीनर के अतिरिक्त एक अन्य व्यक्ति का वाहन में बैठा होना आग लगने का कारण नहीं था। इसलिए भी बीमा कंपनी द्वारा दावा निरस्त करना उचित नहीं था।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने लोगों से अपील की है कि उपभोक्ता अपने अधिकारों को पहचाने एवं जागरूकता का परिचय दें और अपने कानूनी अधिकारों का उपयोग करें।

 

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