इंदौर
भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) इंदौर तीन अक्टूबर को अपने 25 वर्ष पूर्ण कर रहा है। संस्थान को राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ), क्यूएस वर्ल्ड विश्वविद्यालय रैंकिंग और फाइनेंशियल टाइम्स (एफटी) में भी भारत सहित एशिया के शिक्षण संस्थानों में बढ़त मिली है। आइआइएम इंदौर प्रबंधन शिक्षा में सबसे तेजी से बढ़ता संस्थान बन गया है। एक समय था जब आइआइएम अहमदाबाद, बैंगलुरु, कलकत्ता और लखनऊ (एबीसीएल) का नाम चलता था लेकिन अब आइआइएम एबीसीआइ का नाम लिया जाने लगा है।
फाइनेंशियल टाइम्स की ग्लोबल रैंकिंग में आइआइएम इंदौर चौथे पायदान पर पहुंच चुका है। इसके पीछे कई कारण है। मुख्यत: विदेशों के शिक्षण संस्थानों से समझौते, शोध और सामाजिक गतिविधियों के मामले में संस्थान की बेहतर कोशिश से यह मुकाम मिला है। दुनिया की टाप कंपनियों में विद्यार्थी नौकरी कर रहे हैं यह भी संस्थान की रैंकिंग को ऊपर करने में सहायक साबित हो रहे हैं। हर वर्ष 100 फीसद विद्यार्थियों को नौकरियां मिल रही है। हर वर्ष औसत पैकेज में दो से तीन लाख रुपये की बढ़ौतरी हो रही है।
उच्चतम पैकेज भी 50 लाख रुपये से ऊपर पहुंच चुका है। महामारी के बावजूद 2020 और 2021 में संस्थान का प्लेसमेंट बेहतर रहा। 2021 में संस्थान के 579 विद्यार्थियों को नौकरी मिली। उच्चतम पैकेज 56.8 लाख और औसत पैकेज 23.6 लाख रुपये वार्षिक आफर हुआ। 2016 से अब तक की प्लेसमेंट रिपोर्ट बता रही है कि संस्थान से सबसे ज्यादा फाइनेंस, कंसल्टिंगप (परामर्श क्षेत्र), सेल्स एंड मार्केटिंग और जनरल मैनेजमेंट क्षेत्र की कंपनियां विद्यार्थियों को ले जा रही है। कभी फाइनेंस तो कभी सेल्स एंड मार्केटिंग और कभी कंसल्टिंग लेकिन इन तीनों क्षेत्रों में ही सबसे ज्यादा मांग रही।
यह नामी कंपनियां आती रही हैं
गूगल, माइक्रोसाफ्ट, अमेजन, ओरेकल, इंफोसिस, डिलाइट, बैंक आफ अमेरिका, अमेरिकन एक्सप्रेस, जेपी मार्गन, वालमार्ट, इंफोसिस, एलएंडटी जैसी नामी कंपनियां शामिल है। प्लेसमेंट में संस्थान की 50 फीसद छात्राएं और 60 फीसद छात्राओं को नौकरी आफर हो रही है।
निदेशक प्रो. हिमांशु राय का कहना है दुनिया के टाप 100 शिक्षण संस्थान में शामिल होने के लक्ष्य है। इसके लिए दुनियाभर के बदलाव पर ध्यान दे रहे हैं इसके अनुरूप विद्यार्थियों को शिक्षा दे रहे हैं।