निकाय चुनाव ने रोकी साइबर तहसील की रफ्तार

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भोपाल
राजधानी में सायबर तहसील मुख्यालय शुरू करने के लिए प्रस्तावित एक जून की तिथि में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव रोड़ा बने हैं। इन चुनावों के कारण अब तहसील का काम ताहां पोस्टिंग में रुचि नहीं दिखाई है। इन हालातों में करीब दस तहसीलदार ही इस कार्यालय के लिए उपलब्ध होने की स्थिति बन रही है जिनकी पदस्थापना के आदेश जारी हो रहे हैं। कुछ तकनीकी जानकारी रखने वाले नायब तहसीलदार ज्वाइन भी कर चुके हैंमझाम के साथ शुरू करने की रफ्तार पर विराम लगा है और राजस्व विभाग अब पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ जिलों के नाम चिन्हित कर उनके यहां के मामले यहां निराकृत करने पर फोकस कर रहा है। इसके लिए कुछ तहसीलदारों की पदस्थापना यहां हुई है। शिवराज सरकार द्वारा जिलों में सायबर तहसील खोलने के पहले राजधानी में प्रमुख राजस्व आयुक्त कार्यालय परिसर में सायबर तहसील मुख्यालय खोलने का निर्णय लिया गया था। इसे एक जून से पूरी तरह एक्टिव करने की तैयारी की गई थी और इसके लिए 16 तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की पदस्थापना सायबर तहसील में करने का निर्णय लिया गया था। दफ्तर तैयार कराने के लिए प्रमुख राजस्व आयुक्त की देखरेख में काम तेजी से चला और सायबर तहसील में पदस्थापना चाहने वाले नायब तहसीलदारों और तहसीलदारों से प्रस्ताव मांगे गए। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए प्रदेश भर से मांगे गए सुझाव के बाद तहसीलदारों ने य।

कलेक्टर नहीं कर रहे रिलीव
प्रमुख राजस्व आयुक्त कार्यालय के अफसरों के मुताबिक चूंकि पंचायत चुनाव का ऐलान हो गया है और नगर निकाय के चुनाव होने वाले हैं। इसलिए चुनाव होने तक कलेक्टरों ने अपने यहां पदस्थ तहसीलदारों को रिलीव करने से मना कर दिया है। ऐसी स्थिति में साफ है कि सायबर तहसील मुख्यालय का काम उस गति से नहीं हो सकेगा, जैसे कि अपेक्षा की जा रही थी। ऐसी स्थिति में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर काम शुरू कराया जाएगा और जुलाई के बाद इसे प्रभावी तरीके से अमल में लाने का काम किया जाएगा।
गौरतलब है कि सायबर तहसील में अविवादित नामांतरण और बंटवारे के वे मामले जिलों से सीधे कम्प्यूटर एप्लीकेशन के जरिये ट्रांसफर हो सकेंगे जिन्हें संबंधित तहसीलदार समय सीमा में राजस्व रिकार्ड में एंट्री नहीं करेंगे।

 

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